UP Politics : दलितों युवाओं में पैठ बना रहे चंद्रशेखर आजाद 'रावण' का असर कम कर सकेंगे आकाश?
UP Politics: मायावती के भतीजे आकाश आनंद तो मीडिया के साथ बातचीत में भीम आर्मी चीफ को चंद्रशेखर आज़ाद को पहचानने से इनकार कर चुके हैं। यही नहीं, उन्होंने चंद्रशेखर आज़ाद के लिए 'छोटे-मोटे व्यक्ति' शब्द का इस्तेमाल किया।
Meerut News : वेस्ट यूपी के सियासी हलकों में इन दिनों चर्चा है कि दलितों युवाओं में पैठ बना रहे आजाद समाज पार्टी (Aazad Samaj Party) के नेता चंद्रशेखर आजाद 'रावण' को कमजोर करने के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand) को अपना उत्तराधिकारी बनाकर बसपा में उनका कद बढ़ाया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो को 2024 के चुनावी दंगल में आकाश आनंद को वेस्ट यूपी की ही संसदीय सीट से उतारने की तैयारी है।
पार्टी का मानना है कि आकाश आनंद के चुनाव मैदान में उतरने से पूरे वेस्ट यूपी में बीएसपी की नए नेतृत्व की अगुवाई में मजबूती का संदेश जाएगा। बता दें कि, चंद्रशेखर आज़ाद का सहारनपुर समेत पश्चिमी यूपी के कई जिलों के दलित समाज में अच्छी पकड़ है। हालांकि वह अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए लगातार राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन की कोशिश करते रहे हैं।
चंद्रशेखर ने बताया 'बुआ' तो माया ये बोलीं
चंद्रशेखर आजाद उर्फ़ रावण बेशक मायावती को अपनी 'बुआ' और खुद को उनका (मायावती) भतीजा कहते ना थकते हों। लेकिन, मायावती उनके साथ अपने किसी रिश्ते को स्वीकार नहीं करती हैं। एक बार मायावती ने चंद्रशेखर आजाद रावण के बारे में कहा भी था कि, 'कुछ लोग राजनीतिक स्वार्थ के कारण मेरे साथ कभी भाई-बहन का, तो कभी बुआ-भतीजे का रिश्ता बता रहे हैं। जातीय उत्पीड़न कांड में रिहा किया गया व्यक्ति भी मुझे अपनी बुआ बता रहा है। मेरा ऐसे लोगों से कोई रिश्ता नहीं'।
आकाश बोले-...'छोटे-मोटे व्यक्ति'
मायावती के असल भतीजे आकाश आनंद तो मीडिया के साथ बातचीत में भीम आर्मी चीफ को चंद्रशेखर आज़ाद को पहचानने से इनकार कर चुके हैं। यही नहीं, उन्होंने चंद्रशेखर आज़ाद के लिए 'छोटे-मोटे व्यक्ति' शब्द का इस्तेमाल किया। वहीं, आज़ाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद तो आकाश आनंद को उनके बुआ यानी मायावती के पहचान पर जीने वाले नेता बताते हैं।
आकाश कहां से लड़ेंगे चुनाव?
बहरहाल, बसपाई हलकों में अब चर्चा आकाश के 2024 लोकसभा चुनाव लड़ने की हो रही है। कहा जा रहा है कि आकाश के लिए वेस्ट यूपी के किसी ऐसे संसदीय क्षेत्र की तलाश की जा रही है, जहां से वह आसानी से चुनाव जीतकर दिल्ली पहुंच सकें। आकाश चुनाव लड़ेंगे या नहीं। अगर, लड़ेंगे तो कहां से?
अतर सिंह राव- आकाश कहीं से भी लड़ें, जीत तय
आकाश के चुनाव लड़ने के सवाल पर बीएसपी के विधान परिषद में सचेतक रहे एमएलसी अतर सिंह राव कुछ नहीं कहते। अलबत्ता इतना दावा जरूर करते हैं कि आकाश आनंद के चुनाव लड़ने से निश्चित ही पार्टी को फायदा पहुंचेगा। अतर सिंह राव का यह भी दावा है कि आकाश कहीं से भी चुनाव लड़े। उनकी भारी मतों से जीत होना तय है।'
UP Politics : दलितों युवाओं में पैठ बना रहे चंद्रशेखर आजाद 'रावण' का असर कम कर सकेंगे आकाश?
बसपा के एक अन्य नेता ने कहा कि, 'आकाश को बहनजी द्वारा अपना उत्तराधिकारी घोषित करने का कदम पार्टी में युवा ऊर्जा भरने का एक प्रयास है। खासकर, दलित मतदाताओं के बीच आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के बढ़ते प्रभाव के जवाब में'। बहरहाल, इस इस समय इस बात की चर्चा सोशल मीडिया पर काफी तेज है आखिर आने वाले दौर में यूपी में दलित सियासत की बागडोर किसके हाथ में होगी?