Meerut News: संजय वन में मिनी चिड़ियाघर खोलने की मांग हुई फिर तेज, भाजपा नेताओं ने कहा -पर्यटकों की संख्या में होगी वृद्धि
Meerut News:भाजपा नेताओं ने कहा कि मेरठ में मेट्रो के चलने से और संजय वन के पास मेट्रो स्टेशन बनने के बाद यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को सरलता होगी और पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि होगी।
Meerut News: दिल्ली- मेरठ मार्ग स्थित संजय वन में मिनी चिड़ियाघर खोलने की मांग एक बार फिर से तेज हो गई है। इस बार यह मांग भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी पूर्व सदस्य अंकित चौधरी द्वारा की गई है।
अंकित चौधरी के नेतृत्व में आज भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ता डीएफओ मेरठ राजेश कुमार की अनुपस्थिति में पी एफ एस अंशु चावला से मिले। भाजपा नेताओं ने कहा कि मेरठ में स्थित संजय वन जोकि प्राकृतिक धरोहर है और क्षेत्रफल में काफी विस्तृत है। इस संजय वन में एक मिनी चिड़ियाघर खोला जाए जो कि मेरठ वासियों और आसपास एनसीआर क्षेत्र के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने साथ ही मेरठ को एक और पर्यटन स्थल के रूप में वातावरण से परिपूर्ण पर्यटन स्थल समर्पित किया जा सके।
भाजपा नेताओं ने कहा कि मेरठ में मेट्रो के चलने से और संजय वन के पास मेट्रो स्टेशन बनने के बाद यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को सरलता होगी और पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि होगी। इस मौके पर अभिषेक शर्मा, सौरभ शर्मा, शुभम् अग्रवाल, अभिषेक जैन, रिंकू वर्मा, अभिलाष तोमर, अंकुर भड़ाना, चिराग़ आदि भाजपा नेता मौजूद रहे।
मिनी चिड़ियाघर बनाने की हो चुकी है तैयारी
बता दे कि संजय वन में सौ से अधिक प्रजाति के पक्षी हैं। पेड़-पौधों की सैकड़ों प्रजातियों हैं। स्मृति वन के साथ नक्षत्र वाटिका स्थापित है। एक वॉकिंग ट्रैक है जो वर्तमान में खस्ताहाल में है। 65 फीट ऊंचा मेरठ दर्शन स्तंभ (वॉच टावर) भी कारगिल शहीद मनोज तलवार को समर्पित है। दो वर्ष पूर्व वन विभाग की ओर से यहां मिनी चिड़ियाघर बनाने की तैयारी की गई थी। इसका प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, लेकिन, बाद में इस प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया।
वन अफसरों के मुताबिक संजय वन भी पहले चिड़ियाघर हुआ करता था। यहां 1992 तक चिड़ियाघर था। उसमें सैकड़ों प्रकार के पक्षी, हिरन, खरगोश, लोमड़ी, मगरमच्छ आदि वन्य जीव इसमें थे। यहां पर्यटन स्थल बनने के बाद संजय वन केवल नाम के लिए ही वन रह जाएगा। यहां कोई भी वन्य जीव नहीं होगा। उन्हें हस्तिनापुर में बनाए जा रहे रेस्क्यू सेंटर में ही रखा जा सकेगा।