Meerut News: फिटजी पर ताला लगने के बाद कोचिंग सेटरों पर फूटा भाजपाइयों का गुस्सा, जिलाधिकारी से कार्रवाई की मांग

Meerut News Today: भाजपा नेता अंकित चौधरी की अगुवाई में भाजपाइयों ने इस मामले में जिला प्रशासन को गुरुवार को एक ज्ञापन भी सौंपा है।;

Report :  Sushil Kumar
Update:2025-01-23 14:20 IST

Meerut News Today BJP Workers Angry Over Coaching Centers

Meerut News in Hindi: मेरठ, 23 जनवरी। देश के एक प्रतिष्ठित कोचिंग सेंटर ने मेरठ में सैकड़ों स्टूडेंट्स के साथ दगा कर दिया। कोचिंग कराने के नाम पर बच्चों से मोटी फीस एडवांस ले ली। इसके बाद कोचिंग सेंटर पर ताला लगा दिया। गुरुवार को भाजपा युवा मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अंकित चौधरी ने जिलाधिकारी मेरठ से अंकित चौधरी ने एसडीएम या एसीएम के नेतृत्व में एक टीम बनाकर सभी कोचिंग सेंटर का सत्यापन कराए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जो भी सेंटर बिना रजिस्ट्रेशन के या नियमानुसार चलते हुए ना पाए जाएं उन पर तुरंत कार्रवाई कर बंद करवाया जाए ऐसा न किए जाने पर सभी बातों को शिक्षा मंत्री जी और मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया जाएगा और संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा जाएगा।

भाजपा नेता अंकित चौधरी की अगुवाई में भाजपाइयों ने इस मामले में जिला प्रशासन को गुरुवार को एक ज्ञापन भी सौंपा है। इस मौके पर सौरभ पंडित रिंकू वर्मा, हर्ष पंडित,शुभम अग्रवाल सौरव अत्री, अंकुर भड़ाना अमित वर्मा सोनू सैनी रोहतास शर्मा आदि भाजपा नेता मौजूद रहे। ज्ञापन में पत्राचार माध्यम से युवाओं की शिक्षा को लेकर मेरठ जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा गया है कि मेरठ में फिट जी, आकाश,बाय ज्यू, जेइ नीट के साथ अनेकों कोचिंग सेंटर हैं। इन कोचिंग सेंटर में से कितने कोचिंग सेंटर उच्च शिक्षा अधिकारी के यहां रजिस्टर्ड हैं। कितने कोचिंग सेंटरों ने अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया हुआ है और कितनी बार इन सभी कोचिंगों की जांच की गई। इन कोचिंग मे हजारों बच्चे अपने भविष्य को बनाने के लिए पढ़ाई करते हैं कोई बड़ा हादसा होने पर ही प्रशासन क्यों जागता है। अगर जांच नहीं की गई है तो लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाए।

इसके अलावा ज्ञापन में कहा गया है कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 16 वर्ष से कम आयु के बच्चे कोचिंग में एडमिशन नहीं ले सकते हैं लेकिन कोचिंग सेंटर में 16 साल से कम उम्र के बच्चों की भरमार है जिसमें दंड के रूप में 25 000 या 1 लाख तक जुर्माना है और रजिस्ट्रेशन भी रद्द हो सकता है। ज्ञापन में पूछा गया है कि कितने कोचिंग सेंटर की जांच उच्च शिक्षा अधिकारी या जिलाधिकारी द्वारा टीम बनाकर की गई। ज्ञापन के अनुसार नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कोचिंग सेंटरो द्वारा भ्रामक विज्ञापन नहीं दिया जा सकता है जिसमें अधिक नंबर दिलाने या अच्छी रैंक प्राप्त करने को विज्ञापन पर अंकित किया जाए और बच्चों के दिमाग में भ्रम पैदा किया जाए लेकिन पूरा शहर ऐसे विज्ञापनों से अटा पड़ा है।

कोचिंग सेंटरों की फीस लेने की निर्धारित सीमा है जिसको सेंटरों द्वारा मनमानी तरीके से चलाया जा रहा है। कोचिंग सेंटरो द्वारा शुरू में ही बच्चों से पूरा शिक्षा शुल्क ले लिया जाता है लेकिन मध्य में बच्चों द्वारा पढ़ाई सही न लगने पर कोचिंग छोड़ने पर कोचिंग सेंटरो द्वारा उस बच्चे की फीस वापसी नहीं की जाती और मनमानी की जाती है ऐसा होने पर बच्चों की फीस 10 दिन में लौटाई जाये। नियमनुसार स्कूल टाइम में कोचिंग में तैयारी कर रहे बच्चों की अटेंडेंट स्कूलो मे कैसे कंप्लीट हो रही है। स्कूलों में नौकरी करने वाले सभी टीचरों ने अपने कोचिंग खोल रखी है जो नियमानुसार नहीं है। ऐसे अध्यापकों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

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