Meerut News: अनुभवी नेताओं को दरकिनार कर अपने युवा भतीजे पर मायावती द्वारा दांव लगाना पार्टी नेताओं को नहीं हो पा रहा हजम

Meerut News: पार्टी के पुराने और वफादार अनुभवी नेताओं को दरकिनार कर अपने युवा भतीजे पर मायावती द्वारा दांव लगाया जाना पार्टी के ही कार्यकर्ताओं और नेताओं को हजम नहीं हो पा रहा है।

Report :  Sushil Kumar
Update:2023-12-11 10:37 IST

Meerut News (Photo: Social Media)

Meerut News: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमों मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को बीएसपी में अपना उत्तराधिकारी तो घोषित कर दिया। लेकिन पार्टी का मतदाता इसको स्वीकार करेगा या नहीं इसका फैसला तो 2024 के चुनाव परिणाम ही करेंगे। यह सवाल भी सियासी गलियारों में उठ रहे हैं कि मायावती ने आकाश को पार्टी में अपना उत्तराधिकारी क्यों बनाया जबकि आकाश पार्टी में रह कर अपनी योग्यता साबित करने में अब तक असफल रहे हैं। यही नहीं बसपा के पास अभी भी उनसे(आकाश) कहीं अधिक अनुभवी नेताओं की लंबी फेहरिस्त पड़ी है। ऐसे में पार्टी के पुराने और वफादार अनुभवी नेताओं को दरकिनार कर अपने युवा भतीजे पर मायावती द्वारा दांव लगाया जाना पार्टी के ही कार्यकर्ताओं और नेताओं को हजम नहीं हो पा रहा है।

वैसे, पिछले 6 सालों से पार्टी में सक्रिय आकाश आनंद का अब तक का रिपोर्ट कार्ड पर नजर डालें तो लगता नहीं है कि बसपा का मतदाता पार्टी सुप्रीमों के इस फैसले पर अपनी मोहर लगाएगा। मसलन, साल 2017 में बसपा से अपना सियासी सफर शुरु करने वाले आकाश आनंद अभी तक पार्टी में जिम्मेदार पदों पर रहने के बावजूद ऐसा कुछ नहीं कर सके हैं जिससे यह कहा जा सके कि उनके आने के बाद से बसपा मजबूत हुई है। बल्कि सही बात तो यह है कि आकाश आनंद ने जब से बसपा से अपना सियासी सफर शुरु किया है तब से बेशक बसपा के अंदर वें मायावती के भतीजे होने के कारण मजबूत हुए हैं। लेकिन, मतदाताओं में उनके(आकाश) आने का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। उल्टा पार्टी को नुकसान ही हुआ है। 2017, 2019 में पार्टी को बड़ी हार मिली तो वहीं 2022 के यूपी चुनाव में तो बसपा मात्र एक सीट ही हासिल कर सकी।

परिवारवाद का भी लग सकता है आरोप

बावजूद इसके भाई आनंद के बेटे आकाश को मायावती द्वारा पार्टी में अपना उत्तराधिकारी घोषित करने के बाद यकीनन, बसपा विरोध दल द्वारा उन्हें परिवारवादी और वंशवादी साबित करने की कोशिश की जाएगी। हालांकि इस बारे में मायावती पहले यह कब चुकी हैं कि वे आकाश को दलित राजनीति में शामिल करके उन्हें सीखने का अवसर दे रही हैं। लंदन से मैनेजमेंट में पढ़ाई कर चुके आकाश सार्वजनिक रूप से लोगो की नजर में तब आए थे जब वें मायावती के साथ सहारनपुर जनपद के शब्बीरपुर आए थे। हालांकि तब तक लोगों को उसके बारे में पता नहीं था लेकिन उस समय ये बात स्पष्ट हो गई कि ये बहनजी का भतीजा है।

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