Meerut News: जयंत चौधरी के भाजपा के साथ एनडीए में जाने की खबरों ने पार्टी के मुस्लिम नेताओं की बढ़ाई बैचेनी

Meerut News: भाजपा मिशन 80 को आगे बढ़ाने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रालोद के साथ गठबंधन करना चाहती है। कहा जा रहा है कि दोनो तरफ से बात बनते ही कभी भी बीजेपी और रालोद की तरफ से संयुक्त रुप से इसकी सार्वजनिक घोषणा की जा सकती है।

Report :  Sushil Kumar
Update: 2024-02-08 08:12 GMT

Jayant Chaudhary   (फोटो: सोशल मीडिया )

Meerut News: जयंत चौधरी की पार्टी रालोद भाजपा के साथ एनडीए में जा रही है। इन खबरों ने पार्टी के मुस्लिम नेताओं की बैचेनी बढ़ा दी है। राजनीतिक हलकों में तेजी से गश्त कर रही अटकलों पर यकीन करें तो जयंत के एनडीए पाले में जाने के बाद पार्टी में भगदड़ मचनी तय है। पार्टी के मुस्लिम नेता तो अपने नये आशियाने की तलाश में जुट भी गए हैं।

दरअसल, भाजपा मिशन 80 को आगे बढ़ाने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रालोद के साथ गठबंधन करना चाहती है। कहा जा रहा है कि दोनो तरफ से बात बनते ही कभी भी भी बीजेपी और रालोद की तरफ से संयुक्त रुप से इसकी सार्वजनिक घोषणा की जा सकती है। हालांकि इस बारे में जयंत अथवा उनकी पार्टी के जिम्मेदार नेताओं ने चुपी साध रखी है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व सिंचाई मंत्री डा.मैराजुउद्दीन अहमद से जब न्यूजट्रैक संवाददाता द्वारा जयंत के एनडीए पाले में जाने की खबरों की सच्चाई जानने के लिए संपर्क किया गया तो पहले तो वें बात करने से कतराते दिखे। काफी जोर देने पर डा.मैराजुद्दीन अहमद ने इतना कहा कि यह सब मीडिया की देन है। मीडिया रालोद के एनडीए में जाने की खबरें चला रहा है। हालांकि यह सत्य नहीं है।

हालांकि पार्टी के एक बड़े जाट नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर रालोद की भाजपा से चल रही बातचीत की पुष्टी की है। इस नेता के अनुसार भाजपा रालोद को अधिकतम पांच सीटें देने को तैयार है। वहीं, सपा द्वारा रालोद को सात सीटें दी गई हैं। बावजूद उसके जयंत सपा के साथ सात सीटों पर लड़ने को होशियारी नहीं मान रहे हैं। दरअसल,उनको लगता है कि बेशक सपा के साथ मिलकर सात सीटों पर चुनाव लड़ने से पार्टी के हाथ ज्यादा सफलता हाथ नहीं लगने वाली है। वहीं भाजपा से उन्हें चार या पांच सीटें भी मिलती है तो जीतने की गारंटी तो है ही। ध्यान रहे कि लोकसभा चुनाव में रालोद अब तक 2009 में मिली कामयाबी को नहीं दोहरा सका है। गौरतलब है कि 2009 में रालोद के पांच सांसद जीतकर दिल्ली पहुंचे थे। बीजेपी के साथ रालोद प्रमुख जयंत चौधरी को सौदा इसलिए भी अधिक भा रहा है कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो वें मंत्री भी बन जाएंगे। जैसे कि अजित सिंह अटल बिहारी बाजपेयी मंत्रिमंडल में मंत्री बने थे।

जयंत के एनडीए में जाने की चर्चा से अखिलेश यादव भी बैचेन

बहरहाल, जयंत के एनडीए में जाने की चर्चाओं ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी परेशान और बैचेन कर दिया है। अखिलेश यादव ने रालोद के लिए सात सीटें छोड़ी हैं। हालांकि रालोद के नेता दो और सीटों की मांग कर रहे थे और एकाध सीट बदलने की बात भी हो रही थी। हालात की नजाकत को भांपते हुए ही अखिलेश अचानक कांग्रेस पर बहुत नरम हो गए हैं।

अखिलेश कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने के लिए तैयार हो गए हैं। कहा जा रहा है कि अखिलेश अमेठी या रायबरेली में राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होंगे। यही नहीं अखिलेश जिन्होंने उन्होंने सीट बंटवारे की बातचीत फाइनल होने से पहले ही कांग्रेस के लिए 11 सीटें छोड़ने का ऐलान कर दिया था। कांग्रेस के लिए और भी सीट छोड़ने के लिए तैयार हो गए।

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