मोदी 3.0 कैबिनेट में पहली बार मंत्री बने जयंत चौधरी को पाला बदलने के गुण विरासत में मिले!

Jayant Chaudhry: आखिरकार आरएलडी के जयंत चौधरी एनडीए सरकार में मंत्री बन ही गए, उन्हें राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार की शपथ दिलाई गई है। जयंत चौधरी 2022 से राज्‍यसभा के सदस्‍य हैं। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पोते जयन्त चौधरी के मंत्रिमंडल में शामिल होने का यह पहला अवसर होगा।

Report :  Sushil Kumar
Update:2024-06-09 21:06 IST
Click the Play button to listen to article

Jayant Chaudhry: आखिरकार आरएलडी के जयंत चौधरी एनडीए सरकार में मंत्री बन ही गए, उन्हें राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार की शपथ दिलाई गई है। जयंत चौधरी 2022 से राज्‍यसभा के सदस्‍य हैं। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पोते जयन्त चौधरी के मंत्रिमंडल में शामिल होने का यह पहला अवसर होगा। हालांकि एनडीए की बैठक में जयंत चौधरी को जिस तरह से पीछे बिठाया गया था, उससे उनको लेकर तमाम तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं थीं।

दरअसल, दिल्ली में हुई एनडीए संसदीय दल की बैठक में तमाम सांसद और पार्टी अध्यक्ष मौजूद रहे। मुख्य मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ-साथ अन्य दलों के अध्यक्ष को जगह दी गई थी। जदयू से नीतीश कुमार और टीडीपी से चंद्रबाबू नायडू, जनसेना के पवन कल्याण, हम के जीतन राम मांझी, अपना दल एस अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल, शिवसेना शिंदे गुट के अध्यक्ष एकनाथ शिंदे, लोजपा रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान समेत अन्य नेता मुख्य मंच पर मौजूद थे।

चुनाव से पहले एनडीए में शामिल हुए थे जयंत चौधरी

जयंत चौधरी लोकसभा चुनावों से ठीक पहले भाजपा नीत एनडीए में शामिल हो गए थे। वह 2 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़े थे। दोनों सीटों पर जयंत चौधरी को जीत मिली है। जयंत पश्चिमी यूपी से आते हैं, उन्‍हें जाट और किसान नेता माना जाता है। जयन्‍त के केंद्र में मंत्री बनने से चौधरी चरण सिंह परिवार को दस साल का इंतजार खत्‍म होगा। जयन्त चौधरी ने 2021 में पार्टी की कमान संभाली थी। तब से उऩकी पार्टी,सपा,बसपा और कांग्रेस से गठबंधन कर चुनाव लड़ चुकी है। उन्होंने लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए के साथ रिश्ता जोड़ा था।

विरासत में मिले पाला बदलने के गुण

कहा जा सकता है कि पाला बदलने के गुण भी जयंत को विरासत में मिले हैं। अजित सिंह अलग-अलग सरकारों में मंत्री बने। चाहे वह 1989 में वीपी सिंह की सरकार हो या 1991 में नरसिंह राव सरकार। 1999 की वाजपेयी सरकार हो या फिर 2001 की मनमोहन सिंह सरकार। उनके पिता व जयंत के दादा चरण सिंह ने 1967 में पहले कांग्रेस की सरकार गिराई और फिर ख़ुद मुख्यमंत्री बन गए। इसी तरह 1979 में उन्होंने पहले मोरारजी देसाई का सरकार गिराई और फिर पाला बदल कर कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री बन बैठे। 1987 में जब चरण सिंह की मृत्यु हुई, तब उत्तर प्रदेश विधानसभा में लोकदल के 84 विधायक थे। बाद में पार्टी कमज़ोर होती गई।

2021 में बने आरएलडी के अध्यक्ष

मई 2021 में आरएलडी के तत्कालीन अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह की मौत के बाद से आरएलडी की राजनीति का पूरा दारोमदार इसके नए अध्यक्ष जयंत चौधरी पर है। 2009 में मात्र 30 साल की उम्र में जयंत 'बिना किसी संघर्ष के' संसद ज़रूर पहुँच गए थे लेकिन लगातार दो लोकसभा चुनावों (2014 और 2019) की हार ने उन्हें संघर्ष के लिए ज़मीन पर उतरने को 'मजबूर' किया। पारंपरिक तरीक़े से राजनीति करने के साथ-साथ जयंत चौधरी ने एक अलग राह भी पकड़ी है. कभी कुर्ता-पायजामा तो कभी पैंट-शर्ट में गले में गमछा डालकर वो रैलियां करते हैं।

जयंत चौधरी का जन्‍म 27 दिसम्‍बर 1978 को अमेरिका के डलास में हुआ था। जयंत चौधरी ने दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय के श्री वेंक्‍टेश्‍वर कॉलेज से स्‍नातक की उपाधि ली है। उन्‍होंने 2002 में लंदन स्‍कूल ऑफ इकोनॉमिक्‍स एंड पॉलिटिकल साइंस से अकाउंटिंग और फाइनेंस में मास्‍टर डिग्री प्राप्‍त की है। जयंत चौधरी की शादी फैशन डिजाइनर चारू सिंह से हुई है। उनके दो बच्चे हैं।

Tags:    

Similar News