Meerut News : 'महाकुंभ की आस्था के रंगों को चित्रों में उतारा', पदम श्री बाबा योगेंद्र को समर्पित कला कुंभ कार्यशाला का शुभारंभ
Meerut News: ललित कला विभाग द्वारा कला ऋषि 'पद्मश्री बाबा योगेन्द्र जी' की स्मृति में आज सात दिवसीय 'कला कुम्भ कार्यशाला' का शुभारम्भ किया गया। महाकुम्भ मेले से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आदि भी आयोजित की जाएंगी।;
Meerut News: ललित कला विभाग द्वारा कला ऋषि 'पद्मश्री बाबा योगेन्द्र जी' की स्मृति में आज सात दिवसीय 'कला कुम्भ कार्यशाला' का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर कार्यशाला में विभिन्न स्थानों से आए युवा कलाकारों ने प्रतिभाग किया तथा भारतीय धर्म, संस्कृति एवं सनातनी आस्था के प्रतीक महाकुम्भ मेले के विभिन्न दृश्यों को अपने चित्रों में उकेरा।
प्रोफेसर अलका तिवारी ने बताया कि युवा विद्यार्थियों में भारतीय कला एवं संस्कृति के प्रति प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भारतीय त्यौहारों एवं मेलों आदि को चित्रों में उकेरने की रुचि उत्पन्न करने के लिए यह कार्यशाला आयोजित की गई है, जिसमें विद्यार्थी एवं युवा कलाकार 13 से 19 जनवरी 2025 तक लगातार 7 दिनों तक कुम्भ मेले के दृश्यों एवं मेले की प्रत्येक गतिविधि को उनके महत्व के अनुसार विस्तार से चित्रित करेंगे। इस दौरान महाकुम्भ मेले से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आदि भी आयोजित की जाएंगी। कार्यशाला में लगभग 45 कलाकारों ने प्रतिभाग किया।
इससे पूर्व कला ऋषि बाबा योगेन्द्र जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यशाला का शुभारम्भ किया गया। ललित कला विभाग की समन्वयक प्रोफेसर अलका तिवारी ने कहा कि पद्मश्री योगेंद्र जी ने कला साधकों के मन में राष्ट्रीय भावना जागृत करने के लिए लंबे समय तक काम किया। उन्होंने सभी भारतीय कलाकारों को एक मंच प्रदान किया। उनके मार्गदर्शन में संस्कार भारती आज कला के क्षेत्र में देश की अग्रणी संस्था है। उनसे प्रेरणा लेकर विभिन्न स्थानों से आए युवा कलाकारों ने कार्यशाला में भाग लिया और भारतीय धर्म, संस्कृति और सनातनी आस्था के प्रतीक महाकुंभ मेले के विभिन्न दृश्यों को अपने चित्रों में उकेरा।
इस अवसर पर डॉ. शालिनी धामा, डॉ. रीता सिंह, डॉ. पूर्णिमा वशिष्ठ ने कलाकारों को महत्वपूर्ण कला टिप्स दिए। तथा कला कुंभ की पृष्ठभूमि से उन्हें अवगत कराया गया। डॉ. लक्ष्य कुमार, आकाश कुमार, डॉ. विष्णु, डॉ. खालिद, डॉ. प्रियंका आदि तत्कालीन शिक्षकों और कलाकारों ने विशेष सहयोग प्रदान किया।