Meerut News: मां से बिछड़ा तेंदुए का शावक, बच्चों के साथ खूब खेला फिर वन विभाग ने किया सराहनीय काम
Meerut News:वन विभाग ने कब्जे में लेकर उसे उसकी मां से मिलवाने की योजना तैयार की। वन विभाग की यह योजना उस समय सफल भी हो गई, जब आज तड़के शावक को उसकी मां अपने साथ ले गई।
Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद के किठौर, शाहजहापुर क्षेत्र में हापुड़ बार्डर के पास आम के बाग में ग्रामीणों को तेंदुए का शावक मिला है। जिसे ग्रामीणों ने वन विभाग को सौंप दिया है। वन विभाग ने कब्जे में लेकर उसे उसकी मां से मिलवाने की योजना तैयार की। वन विभाग की यह योजना उस समय सफल भी हो गई, जब आज तड़के शावक को उसकी मां अपने साथ ले गई।
डीएफओ राजेश कुमार ने आज बताया कि कल यानि गुरुवार को मेरठ जनपद के किठौर,शाहजहापुर हापुड़ बार्डर के पास आम के बाग में ग्रामीणों द्वारा एक शावक का रेस्क्यू किया गया। जिसके उपरान्त विशेषज्ञों की देखरेख में डा.आर.के. सिंह के मार्गदर्शन में उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार उसको मां(मादा) से मिलाने के लिए कार्ययोजना बनाई गई।जिसके तहत कल शाम होने के बाद शावक को उसी स्थान पर रखवा दिया गया, जहां से उठाया गया था। आज तड़के करीब साढ़े तीन बजे के बाद मादा ने उसे स्वीकार कर लिया। डीएफओ के अनुसार यह बहुत सुखद है कि परीक्षितगढ़ रैंज ने बहुत ही सूझबूझ के साथ कार्य करते हुए शावक को उसकी मां से मिलवाया।
खूंखार हो सकती थी मादा
तेंदुआ प्रजाति की बात की जाए तो अगर यह मनुष्य के संपर्क में आ जाते हैं तो परिवार के सदस्य उन्हें पहचान नहीं पाते हैं। यही कारण है कि वन विभाग के अफसरों को इस बात का डर था कि कहीं शावक के शरीर पर आदमी के अंगुलियों की गंध पाकर मां बच्चे को छोड़ ना दे। खुद के पकड़े जाने के डर से वो शावक के पास नहीं जाएगी। विशेषज्ञों ने बताया कि शावक न मिलने पर मादा खूंखार हो सकती है।
पिछले साल अप्रैल में भी किठौर के भगवानपुर बांगर ग्रामीणो को तेंदुए का शावक मिला था। वन विभाग द्वारा उसे मां से मिलाने का प्रयास किया गया। लेकिन वन विभाग का प्रयास सफल नहीं हो सका था। आखिर में वन विभाग द्वारा शावक को नियमानुसार चिड़ियाघर में भेज दिया गया था।