Meerut News: राष्ट्रहित में अटल खड़े रहते थे सरदार पटेल: प्रो. कृष्णकांत शर्मा ने बतायी एकीकरण में भूमिका
Meerut News: सरदार पटेल का जीवन हमें एकता, दृढ़ता, और साहस के साथ राष्ट्रहित में खड़े रहने की प्रेरणा देता है। उनका योगदान भारतीय इतिहास में सदा अमर रहेगा और वे एक महानायक के रूप में हमेशा याद किए जाते हैं।
Meerut News: भारत की स्वतंत्रता के बाद, सरदार पटेल को देश के पहले उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री का दायित्व सौंपा गया। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती भारत की 562 से अधिक रियासतों का एकीकरण था। अपने अडिग निश्चय, कुशल कूटनीति और कभी-कभी कठोर निर्णयों के माध्यम से उन्होंने इन रियासतों को भारतीय संघ में सम्मिलित किया। उनका यह कार्य अद्वितीय था और उनके बिना भारत का वर्तमान स्वरूप कल्पना से परे होता। सरदार पटेल की दृढ़ता और राष्ट्रहित में अटल खड़े रहने की शक्ति ने उन्हें "लौह पुरुष" की उपाधि दिलाई।
यह बात तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में शुक्रवार को आयोजित वीकेंड अभिव्यक्ति के दौरान मुख्य अतिथि प्रोफेसर कृष्णकांत शर्मा ने कही। अजय मित्तल ने कहा कि वे भारत के लिए एक दृढ़ और एकीकृत राष्ट्र का सपना देखते थे और इसे पूरा करने के लिए उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। उनका यह योगदान उन्हें भारतीय राजनीति और स्वतंत्रता आंदोलन में अमर कर गया। सरदार पटेल का जीवन हमें एकता, दृढ़ता, और साहस के साथ राष्ट्रहित में खड़े रहने की प्रेरणा देता है। उनका योगदान भारतीय इतिहास में सदा अमर रहेगा और वे एक महानायक के रूप में हमेशा याद किए जाते हैं।
तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल में आयोजित वीकेंड अभिव्यक्ति में इस बार की भाषण प्रतियोगिता के विषय भारतीय समाज में त्यौहारों का महत्व राष्ट्रीय एकीकरण में सरदार पटेल की भूमिका , ग्रामीण जीवन और शहरी जीवन : क्या कमियां, क्या अच्छाइयां था। इसके अलावा सामान्य ज्ञान पर एक क्विज प्रतियोगिता भी कराई गई।डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव भाषण प्रतियोगिता के निर्णायक रहे। इस दौरान डॉ. बीनम यादव, निशांत सागर भी मौजूद रहे।
भाषण प्रतियोगिता के विजेता
जोया सिद्दीकी
मनीषा रानी
दीया शर्मा
क्विज प्रतियोगिता के विजेता
आर्यन वर्मा
जोया सिद्दीकी
वंश भाटी