मायावती ने शुरू की संगठन की ओवरहालिंग, अतर सिंह राव को मिली बड़ी जिम्मेदारी

Meerut News: पश्चिम यूपी के कद्दावर दलित नेता पूर्व सदस्य विधान परिषद अतर सिंह राव को केन्द्रीय स्टेट कोआर्डिनेटर व उड़ीसा एवं वेस्ट बंगाल प्रदेश का प्रदेश प्रभारी नियुक्त कर बसपा ने अपना इरादा साफ कर दिया है|

Report :  Sushil Kumar
Update: 2024-06-25 09:54 GMT

बसपा नेता अतर सिंह राव को मिली बड़ी जिम्मेदारी (न्यूजट्रैक)

Meerut News: बहुजन समाज पार्टी के बिखरते कैडर को वापस से जोड़ने और संगठन को मजबूत करने के लिये बहुजन समाज की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने संगठन की ओवरहालिंग शुरु कर दी है। ओवरहालिंग के क्रम में मेरठ से जुड़े एवं पश्चिम यूपी के कद्दावर दलित नेता पूर्व सदस्य विधान परिषद अतर सिंह राव को केन्द्रीय स्टेट कोआर्डिनेटर व उड़ीसा एवं वेस्ट बंगाल प्रदेश का प्रदेश प्रभारी नियुक्त कर बसपा ने अपना इरादा साफ कर दिया है कि संगठन में परिणाम देने वाले लोग ही चल सकेंगे। वहीं अतर सिंह राव की नियुक्ति पर उनके गृह जनपद के कार्यकर्ताओं ने कई स्थानों पर मिठाई बांट कर खुशी मनाई।

बता दें कि अतर सिंह राव की गिनती बसपा के पुराने एवं वफादार नेताओं में की जाती है। पूर्व में मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ प्रदेश तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहकर पार्टी संगठन का काम देख चुके है। दरअसल, लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद बसपा में लगातार समीक्षा का दौर शुरू है। संगठन की ओवरहालिंग के क्रम में ही बसपा ने मुरादाबाद निवासी पूर्व सांसद गिरीश चंद्र जाटव को पश्चिम यूपी का प्रभारी बनाया है। अभी तक पश्चिम यूपी के प्रभारी शमसुद्दीन राईन थे उन्हें हटा दिया गया है।

लोकसभा चुनाव में बसपा को तगड़ा झटका लगा है। उसे कभी भी इतने कम वोट नहीं मिले हैं। मुरादाबाद में बसपा प्रत्याशी एक लाख वोट तक नहीं पहुंचा वहीं जिस नगीना सीट से गिरीश चंद्र खुद 2019 में सांसद बने वहां तो और ज्यादा खराब स्थिति रही। आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर की नगीना से जीत ने मायावती को हिला दिया है।

2024 लोकसभा चुनाव के नतीजों में शून्य सीटें आने पर अपने भतीजे आकाश आनंद की वापसी भी मायावती द्वारा पिछले दिनों की जा चुकी है। बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान एकाएक मायावती ने आकाश आनंद को एमेच्योर कहकर हटाया दिया था। लेकिन, लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद उन्हें एक बार फिर से मैच्योरिटी के साथ काम करने का आश्वासन देते हुए मायावती द्वारा अपना उत्तराधिकारी और नेशनल कोऑर्डिनेटर दोनो बनाया जा चुका है।

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