UP Jat Reservation:...तो क्या लोकसभा चुनाव से पहले जाटों की आरक्षण की लड़ाई बीजेपी को पड़ेगी भारी?

UP Jat Reservation News : जाट आरक्षण आंदोलन एक बार फिर तेज होता जा रहा है। पश्चिमी यूपी ही नहीं राजस्थान, हरियाणा और पंजाब की करीब 40 लोकसभा सीटों पर बीजेपी के 'गेम प्लान' पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

Report :  Sushil Kumar
Update:2023-11-04 16:21 IST

प्रतीकात्मक चित्र (Social Media) 

UP Jat Reservation News : जाट आरक्षण आंदोलन एक बार फिर तेज होता जा रहा है। पश्चिमी यूपी ही नहीं राजस्थान, हरियाणा और पंजाब की करीब 40 लोकसभा सीटों पर बीजेपी के 'गेम प्लान' पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। जाट समुदाय के लोगों का कहना है, 'चूंकि प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष ने साल 2015 और फिर यूपी विधानसभा चुनाव से पहले किया गया वायदा पूरा नहीं किया। इसलिए वो 2024 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की हार सुनिश्चित करेंगे।'

130 सीटों पर तय कर सकते हैं हार-जीत 

जाट आरक्षण (Jat Reservation) आंदोलन से जुड़े नेता दावा कर रहे हैं कि हिंदी पट्टी, उत्तर और पश्चिम को मिलाकर 14 सूबों में उनकी खासी आबादी है। कम से कम 130 सीटों पर किसी भी उम्मीदवार की हार-जीत में इस समुदाय के वोटों की अहम भूमिका होती है। इस बार समुदाय इसका इस्तेमाल बीजेपी के खिलाफ करेगा। हालांकि, जाट समुदाय ने बीजेपी की केन्द्र सरकार के खिलाफ खुलकर हुंकार अब भरी है। लेकिन जाटों और बीजेपी के बीच दूरियां मुजफ्फरनगर-शामली दंगों में जाटों पर हुई कार्रवाइयों से ही धीरे-धीरे शुरू हो गई थीं। जिसे 2016 हरियाणा जाट आरक्षण आंदोलन ने जिसमें 20 से अधिक जाट युवक पुलिस की गोली के शिकार हो गए थे। बीजेपी और जाटों के बीच की दूरी और बढ़ गई।  

'सरकार पूरा करे वादा, नहीं तो लेंगे फैसला'

अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (Akhil Bhartiya Jat Aarakshan Sangharsh Samiti) के राष्ट्रीय संयोजक चौ. यशपाल मलिक ने newstrack.com से बातचीत में कहा कि, 'आरक्षण आंदोलन के दौरान हरियाणा और केंद्र सरकार ने जाट समाज (Jat community) को ओबीसी में आरक्षण सहित अनेक मांगों को पूरा करने का वायदा किया था। इनमें केंद्र में आरक्षण सहित हमारी कुछ मांगें अधूरी है। इसलिए हम सरकार से अपील करते हैं, वादे के मुताबिक जाट समाज को केंद्र में आरक्षण दिया जाए। उन्होंने सम्मेलन में मौजूद लोगों से कहा कि हमें योजनाबद्ध तरीके से आंदोलन को चलाना होगा जब तक सरकार जाट समाज की मांगों को पूरा नहीं किया जाता। समाज को आंदोलन के साथ साथ राजनीतिक निर्णय लेने के लिए भी तैयार रहना होगा।'

पहले सरकार का इंतजार, फिर करेंगे आंदोलन 

समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रताप सिंह दहिया (Pratap Singh Dahiya) कहते हैं, 'प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने जाट समाज को 2016-2017, 2019 और 2022 के चुनाव के दौरान किये गये वादों को आज तक पूरा नहीं किया। अब आंदोलन की तैयारी के लिए सभी राज्यों में जन जागरण अभियान चलाएंगे। रैलियां भी निकाली जाएंगी। उन्होंने घोषणा की है कि, '26 नवम्बर को छोटूराम धाम  के स्थापना दिवस पर जसिया रोहतक में आरक्षण की मांग को लेकर बड़ी रैली का आयोजन किया जाएगा जाएगा। सरकार अगर हमारी मांग पूरी नहीं करती है तो हमें राजनीतिक निर्णय लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा, हम फिर से आंदोलन शुरू कर सकते है,पहले सरकार का इंतजार करेंगे।'

UPA सरकार ने दिया था आरक्षण, मगर...

आपको बता दें, 2009 से कई बड़े जाट आंदोलनों का सामना कर चुकी मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार ने ठीक आम चुनावों से पहले 4 मार्च, 2014 को जाटों को केंद्र सरकार की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं में ओबीसी वर्ग के भीतर आरक्षण दे दिया था। लेकिन, इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई और अदालत ने इसे 17 मार्च, 2015 को निरस्त कर दिया। यूपीए सरकार का ये आरक्षण उन नौ सूबों के लिए लागू था, जहां जाट ओबीसी सूची में शामिल हैं।

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