Meerut News: त्यागी समाज को चाहिए त्यागी-भूमिहार रेजिमेंट बहाली के साथ ही आरक्षण, 31 दिसम्बर को मेरठ में त्यागी संसद

Meerut News: बैठक में वक्ताओं ने कहा कि त्यागी भूमिहार समाज ने देश के बलिदान के लिए कभी पीठ नहीं दिखाई। इसके बावजूद उसे कभी यथोचित सम्मान नहीं मिला।

Report :  Sushil Kumar
Update:2023-12-24 21:20 IST

Meeting (Pic:Newstrack)

Meerut News: उत्तर प्रदश के मेरठ में आज हुई त्यागी भूमिहार संयुक्त महासभा की बैठक में सेना में आरक्षण के साथ ही त्यागी-भूमिहार रेजिमेंट की स्थापना करने की मांग उठाई गई। मुख्य वक्ता कर्नल अमरदीप त्यागी ने कहा कि सेना में त्यागी-भूमिहार रेजिमेंट का गठन अनिवार्य रुप से होना चाहिए। बता दें कि 1914 में त्यागी भूमिहार रेजिमेंट अंग्रेजी सरकार द्वारा भंग कर दी गई थी, क्योंकि त्यागी भूमिहार रेजिमेंट ने राष्ट्रवादी भावना से प्रेरित होकर अंग्रेजी सरकार के खिलाफ विद्रोह कर दिया था, जिसकी शुरुआत 1857 में मंगल पांडे ने की थी।

त्यागी भूमिहार समाज ने देश के बलिदान के लिए कभी पीठ नहीं दिखाई 

बैठक की अध्यक्षता कर रहे रतीश प्रकाश त्यागी ने कहा कि आज बिरादरी को एकजुट होकर आरक्षण की मांग को जोरदार तरीके से उठानी चाहिए। त्यागी भूमिहार संयुक्त महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील त्यागी किसौला ने कहा कि आगामी 31 दिसम्बर को संगठन के स्थापना की वर्षगांठ पर मेरठ के राम सहाय इंटर कालेज में त्यागी संसद आयोजित की जाएगी, जिसमें आरक्षण व अन्य मुद्दों पर रणनीति तय की जाएगी। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि त्यागी भूमिहार समाज ने देश के बलिदान के लिए कभी पीठ नहीं दिखाई। इसके बावजूद उसे कभी यथोचित सम्मान नहीं मिला। आज हर जाति विशेष को आरक्षण प्राप्त हो रहा है, लेकिन त्यागी समाज को इससे अछूता रखा गया है। बैठक में संगठन के मंत्री प्रदीप त्यागी ने कहा कि 31 दिसम्बर की मेरठ में आयोजित होने वाली संसद में त्यागी बिरादरी के सभी जनप्रतिनिधियों को आमन्त्रित किया गया है। बैठक में दिनेश त्यागी,संजय त्यागी,सुनील त्यागी राजपुर,डा.अनुराग त्यागी,प्रवीण त्यागी,उदयवीर त्यागी आदि लोग मौजूद रहे।

राजनीतिक हिस्सेदारी को लेकर आवाज उठा रहे हैं

बता दें कि पश्चिमी यूपी में त्यागियों का संख्याबल भी अच्छा है। ब्राह्मणों के साथ त्यागी वोटर भी खासी संख्या रहते हैं। नोएडा में श्रीकांत त्यागी और सांसद महेश शर्मा प्रकरण के बाद अब त्यागी भी अपनी राजनीतिक हिस्सेदारी को लेकर आवाज उठा रहे हैं। वेस्ट यूपी के 17 जिलों में आबादी का 10% लगभग 75 लाख त्यागी वोटर हैं। समाज द्वारा कराए सर्वे के अनुसार, हर लोकसभा पर त्यागियों की संख्या 1 से 3 लाख के बीच है। त्यागी, भूमिहार, ब्राह्मण को मिलाकर समाज का 10% वोट बनता है।

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