Meerut News: पति-पत्नी के रिश्ते में ‘वो‘ बना मोबाइल, दांपत्य जीवन में दरार डाल रही इंटरनेट जासूसी
Meerut News: कहीं इंटरनेट के जरिए पत्नी अपने पति की जासूसी कर रही है तो कहीं पति अपनी पत्नी की जासूसी में जुटे हैं।
Meerut News: पेगासस स्पाइवेयर के जरिए जासूसी का मामला कुछ अर्सा पहले चर्चा में आया ही था। वहीं अब दांपत्य जीवन में भी जासूसी से विवाद खड़े होने के मामले सामने आ रहे हैं। परिवार परामर्श केंद्र में दांपत्य विवादों में जासूसी की शिकायतें आए दिन आ रही हैं। कहीं इंटरनेट के जरिए पत्नी अपने पति की जासूसी कर रही है तो कहीं पति अपनी पत्नी की जासूसी में जुटे हैं।
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दरअसल, यह सच्चाई है कि आधुनिक जमाने में मोबाइल जहां दूर के रिश्तों को जोड़ने का काम कर रहा है, तो वहीं ये सबसे करीब पति-पत्नी के रिश्तों को तोड़ भी रहा है। इसकी तस्वीर परिवार परामर्श केन्द्र के आंकड़े बता रहे हैं। परिवार परामर्श केन्द्र, महिला थाने में लगभग 80 फीसदी मामले पति-पत्नी के बीच विवाद के आ रहे हैं, जिसमें 40 से 50 फीसदी मामलों में कलह की मुख्य वजह मोबाइल फोन बना हुआ है। मेरठ की बात करें तो परिवार परामर्श केन्द्र के पिछले करीब पांच साल के आंकड़े इसकी चुगली करते दिखते हैं।
सबसे ज्यादा मोबाइल की वजह से दंपति में दरार आ रही है
परिवार परामर्श केन्द्र, मेरठ में आए 9743 मामलों में 40 फीसदी मामलांे में पति-पत्नी द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ जासूसी करने की बात सामने आई है। परिवार परामर्श केन्द्र की प्रभारी आंचल शर्मा की मानें तो सबसे ज्यादा मोबाइल की वजह से दंपति में दरार आ रही है। ज्यादार मामलो में यही देखा गया कि पति-पत्नी एक-दूसरे के खिलाफ सबूत जुटाने के लिए एक-दूसरे की जासूसी कर रहे हैं। इसके लिए इंटरनेट के मोबाइल एप जैसे वायस आटो रिकार्डिंग, गूगल मैप, वाट्सएप चैट, स्क्रीन रिकार्डिंग आदि की मदद ली जा रही है। ऐसे कई मामले महिला थाने और परिवार परामर्श केंद्र में आ चुके हैं। किसी ने पत्नी के मोबाइल में स्क्रीन रिकार्डिंग लगाई हुई है। पति शाम को घर लौटता है तो पत्नी के मोबाइल की स्क्रीन रिकार्डिंग चेक करता है। यदि पत्नी ने फेसबुक पर किसी युवक की प्रोफाइल चेक की है तो पति को पता चल जाता है। यहीं से दोनों के बीच झगड़े की शुरुआत होती है। जो कि आखिर में दंपति के अलगाव की वजह बन जाता है।
महिला अधिकारी का कहना है कि इन दोनों पति-पत्नी के बीच विवाद की वजह मोबाइल बनी हुई है। दंपति शक के चलते एक दूसरे की जासूसी कर उसके खिलाफ सबूत जुटाने लगते हैं। ऐसे में रिश्ता टूट जाता है। हमारी पूरी कोशिश होती है कि हम सुलह कराकर दोनों को सही रास्ते पर लेकर आये। इसमें हमें कामयाबी मिली भी है। मसलन, पिछले करीब पांच साल में चार हजार से अधिक जोड़ों के आपस में मिलाने में परिवार परामर्श केन्द्र कामयाब हुआ है। करीब पांच सौ मामले थानो से कोर्ट पहुंच गये। वहीं करीब दो हजार जोड़े हमारी काफी कोशिशों के बाद भी एक नहीं हो सके।