Meerut News: स्वास्थ्य महकमें का दावाः मेरठ में नब्बे प्रतिशत टीबी मरीज ठीक हो चुके हैं

Meerut News: जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. गुलशन राय ने यह दावा करते हुए आज बताया कि इस साल का विभाग को टारगेट 16580 दिया गया था। उन्होंने बताया कि नब्बे प्रतिशत टीबी मरीज ठीक हो चुके है।

Report :  Sushil Kumar
Update:2024-11-27 19:11 IST

स्वास्थ्य महकमें का दावाः मेरठ में नब्बे प्रतिशत टीबी मरीज ठीक हो चुके हैं: Photo- Newstrack

Meerut News: उत्तर प्रदेश के जनपद मेरठ में नब्बे प्रतिशत टीबी मरीज ठीक हो चुके हैं। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. गुलशन राय ने यह दावा करते हुए आज बताया कि इस साल का विभाग को टारगेट 16580 दिया गया था। जिसमें से अभी तक 16183 नोटिफिकेशन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि नब्बे प्रतिशत टीबी मरीज ठीक हो चुके है। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद मेरठ में जिला क्षय रोग केन्द्र पर जन सहभागिता बढ़ाने हेतु मीडिया सेशन का आयोजन किया गया था।

आयोजन की अध्यक्षता करते हुए डॉ. गुलशन राय ने बताया कि जिले में बीस यूनिट कार्य कर रही है जिसमें एक यूनिट दो लाख की आबादी को कवर करती है। उन्होंने बताया विभाग के पास 11 ट्रूनॉट मशीन पांच मशीनप सीबी नॉट की है। उन्होंने बताया अभी तक टीबी मरीजों को उपचार के दौरान 500 सौ रूपये प्रति माह मिल रहे थे। जिसे सरकार की ओर बढ़ा कर एक हजार रूपये प्रति माह कर दिया गया है।

टीबी मुक्त ग्राम पंचायत एवं फैमली केयर कार्यक्रम

इससे पहले जिला क्षय रोग अधिकारी, डॉ. गुलशन राय द्वारा सभी मीडिया बन्दुओं को धन्यवाद करते हुए कहा गया कि सबसे अच्छा प्रसार-प्रसार पत्राकार बन्धुओं के द्वारा पत्र के माध्यम से किया जाता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जिला क्षय उन्मुलन कार्यकम के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे टीबी मुक्त ग्राम पंचायत एवं फैमली केयर गिवर कार्यक्रम में राज्य स्तर से प्राप्त आदेशानुसार जनपद मेरठ में जन सहभागिता हेतु चिकित्सा अधिकारी, टीबी कन्ट्रोल, ए.डी.ओ. पंचायत, वरिष्ठ टीबी उपचार पर्यवेक्षको एवं सी.एच.ओ. का प्रशिक्षण कराया जा चुका है ग्राम प्रधानों, सचिवों का ब्लॉक स्तर पर प्रशिक्षण कराया जाना प्रस्तावित है।

डा. राय ने बताया कि समाज में जागरूकता लाने के लिए समाज को टी.बी. के बारे पूर्ण जानकारी देना अनिवार्य हैं जैसे-टीबी क्या है, इसके लक्षण क्या है इसके खतरे क्या है, टीबी की जांच एवं उपचार के लिए क्या सेवाये है. टीबी पीडितों के लिए क्या सामाजिक सहायता योजनाएं है, टीबी को लेकर समाज में टीबी के प्रति गलत धारणाओं एवं भ्रान्तियों को दूर करना हम सबका दायित्व बनता हैं। टीबी मुक्त भारत लक्ष्य 2025 को प्राप्त करना तभी सम्भव है जब हमारा समाज शिक्षित एवं जागरूक हो। टीबी के मरीजो को ढूंढने में कई सामाजिक संस्थाएं भी सहयोग कर रही है जिसमें कई सामाजिक संस्थाए टी.बी., एच.आई.वी. की स्क्रिनिंग, निर्माणधीन साइटों व झुग्गी-झोपडियों, घुमन्तु परिवारों आदि स्थलों पर हैल्थ कैम्प, काउन्सिलिंग व प्रचार-प्रसार करके कार्यक्रम में सहयोग प्रदान कर रही है।

इस मौके पर शबाना बेगम, जिला पीपीएम कार्डिनेटर द्वारा बताया गया कि निजी क्षेत्र से टीबी का नोटिफिकेशन का प्रतिशत लक्ष्य के सापेक्ष अधिक प्राप्त कर लिया गया है किन्तु राज्य स्तर से प्राप्त कुछ इन्डिकेटर्स में प्रतिशत कम है जिसके लिए आई.एम.ए. के साथ सीएमई प्रस्तावित है सभी इन्डिकेटर्स को बढाने हेतु प्रचार-प्रसार भी कराया जा रहा है। इस मौके पर पविन्द्र यादव, जिला पीएमडीटी एवं एच.आई.वी. कार्डिनेटर, अजय सक्सैना, वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक, रजनीश, लेखाकार एवं अंजू गुप्ता, बीसीजी टेक्निीशियन, ग्रामीण समाज से रेशमा ,कार्डिनेटर आदि उपस्थित रहें।

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