Meerut: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन, जलाया पुतला
Meerut: प्रदर्शन में शामिल होने के लिए टीवी के राम के रुप में प्रसिद्ध सांसद अरुण गोविल पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ खुद ट्रैक्टर चलाकर पहुंचे। ट्रैक्टर पर सवार बीजेपी कार्यकर्ता जोश में जोर-जोर से भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे।;
Meerut News: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर मेरठ में आज हिंदु संगठनों ने जिसमें बीजेपी के दिग्गज नेता भी शामिल रहे जोरदार प्रदर्शन कर बांग्लादेश का पुतला जलाया और मार्च निकाला। कई स्कूलों के छात्र छात्राएं भी इस मार्च में पोस्टर लेकर शामिल हुए। धार्मिक संगठनों से जुड़े सदस्यों द्वारा हरे राम हरे कृष्ण का गान करने के साथ साथ नृत्य कीर्तन करते हुए कमिश्नरी तक पैदल मार्च किया गया। प्रदर्शन में शामिल होने के लिए टीवी के राम के रुप में प्रसिद्ध सांसद अरुण गोविल पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ खुद ट्रैक्टर चलाकर पहुंचे। ट्रैक्टर पर सवार बीजेपी कार्यकर्ता जोश में जोर-जोर से भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे।
विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन अलर्ट रहा। चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात थीं। कलक्ट्रेट और कमिश्नरी पर पुलिस का कड़ा पहरा रहा। प्रदर्शन में हिंदू संगठनों के साथ भाजपा, व्यापारिक और धार्मिक संगठन भी शामिल होने पहुंचे। भाजपा सांसद अरुण गोविंद सहित तमाम भाजपा नेताओं ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों से प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की थी। अरुण गोविल के अलावा पूर्व सांसद राजेद्र अग्रवाल,राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी ,महापौर हरिकांत अहलुवालिया भी शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों में शामिल कुछ लोग भारत सरकार बांग्लादेश पर हमला करे जैसे नारे भी लगा रहे थे।
वहीं पैदल मार्च में शामिल लोगों हाथ में पोस्टर लिए हुए थे, जिन पर लिखा था कि ’हिंदुओं पर अत्याचार बंद करो’ इसके अलावा कटोगे तो बटोगे के पोस्टर लिए हुए भी लोग मार्च में शामिल हुए। शहर के विभिन्न स्थानों से पैदल मार्च करते हुए कमिश्नरी पार्क पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ अपना गुस्सा पुतला फूंक कर जाहिर किया। बांग्लादेश में हिंसा पर बीजेपी सांसद अरुण गोविल का कहना है, ’’यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, ऐसा कहीं नहीं होना चाहिए, लेकिन ऐसा काफी समय से हो रहा है. पहले मंदिरों पर हमला हुआ...तो हमारी सरकार और दूसरे अंतरराष्ट्रीय लोग यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए कि हिंदू वहां सुरक्षित महसूस करें, और यदि वे अभी भी सुरक्षित महसूस नहीं कर सकते हैं, तो उनके लिए कोई अन्य व्यवस्था की जानी चाहिए या उन्हें देश में वापस लाया जाना चाहिए...।“