Meerut News: राकेश टिकैत का ग्राम संवाद अभियान शुरू, बोले– अब गांव-गांव जाकर देंगे खेती को बदनाम करने वालों को जवाब

Meerut News: टिकैत ने कहा कि जानबूझकर खेती को घाटे का धंधा दिखाया जा रहा है ताकि नई पीढ़ी इससे दूर हो जाए। लेकिन अब भाकियू युवाओं को खेती से जोड़ने का अभियान चलाएगी। उन्होंने कहा, “खेती को बचाने के लिए अब हमें गांव से आंदोलन खड़ा करना होगा।”;

Update:2025-04-12 21:17 IST

Meerut News (Photo: Social Media)

Meerut News: भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत शनिवार को मेरठ के मवाना तहसील के कई गांवों—बढ़ला, नारंगपुर और मटौरा में पहुंचे। यहां उन्होंने किसानों से सीधे संवाद किया और उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना। टिकैत ने कहा कि खेती को बदनाम करने की एक संगठित साजिश चल रही है, लेकिन अब किसान चुप नहीं बैठेंगे, “हम गांव-गांव जाकर जवाब देंगे।”

खेती को घाटे का सौदा बना दिया गया है

टिकैत ने कहा कि जानबूझकर खेती को घाटे का धंधा दिखाया जा रहा है ताकि नई पीढ़ी इससे दूर हो जाए। लेकिन अब भाकियू युवाओं को खेती से जोड़ने का अभियान चलाएगी। उन्होंने कहा, “खेती को बचाने के लिए अब हमें गांव से आंदोलन खड़ा करना होगा।”

किसानों की शिकायतें: गन्ना मिलों की मनमानी और आवारा पशुओं का आतंक

ग्राम संवाद के दौरान किसानों ने खुलकर अपनी समस्याएं टिकैत के सामने रखीं:

• गन्ना खड़ा है, लेकिन पर्चियां नहीं मिल रहीं

• आवारा पशु फसलें नष्ट कर रहे हैं

• बिजली की अनियमित आपूर्ति से खेतों में अंधेरा

• लेखपालों की अनदेखी और भ्रष्ट रवैया

टिकैत ने इन मुद्दों को हर स्तर पर उठाने का आश्वासन दिया। साथ ही किसानों से अपील की कि वे नशा, कोल्ड ड्रिंक और दिखावे से दूर रहकर खुद खेतों में मेहनत करें।

श्री नीलकंठ दरबार से दिया आंदोलन का संदेश

इसके बाद राकेश टिकैत ने श्री नीलकंठ गुरु दरबार (रोहटा रोड) में आयोजित किसान सभा को संबोधित किया। उन्होंने संगठन के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि ग्राम संवाद अभियान को और तेज किया जाए, ताकि हर किसान तक भाकियू की बात पहुंचे।

संगठन की ताकत ही बदलाव की कुंजी: टिकैत

सभा के अंत में राकेश टिकैत ने कहा, “भारत का अन्नदाता अब जाग गया है। जब तक गांवों से आवाज नहीं उठेगी, सत्ता में बैठे लोग नहीं सुनेंगे। अब किसान संगठित हैं और यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।”

प्रमुख किसान नेता रहे साथ

इस अभियान में कई वरिष्ठ किसान नेता शामिल रहे—अनूप यादव, प्रिंस चौधरी, धर्मपाल, विनेश, वीरपाल, प्रदीप, मोहित, अरुण, मानू सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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