Meerut: यूपी के पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी का नम्बर एक दुश्मन कौन

Meerut: 2024 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर हाजी याकूब कुरैशी सक्रिय दिखे। यही नहीं चुनावों में मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट के बसपा उम्मीदवार देवव्रत त्यागी के लिए पूरी ताक़त के साथ प्रचार करते भी हाजी याकूब देखे गये।

Report :  Sushil Kumar
Update: 2024-05-23 12:51 GMT

पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी का नम्बर एक दुश्मन कौन (न्यूजट्रैक)

Meerut News: अच्छे दिनों का इंतजार कर रहे यूपी के पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी मतदान उपरान्त एक बार फिर खामोशी की चादर ओढ़ कर बैठे हैं। बता दें कि यूपी में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से हाजी याकूब कुरैशी ने राजनीति से दूरी बनानी शुरु कर दी थी। 2022 आते-आते हाजी याकूब कुरैशी सक्रिय राजनीति से पूरी तरह कट चुके थे। विधानसभा चुनाव ऐसा पहला मौका था जब हाजी याकूब कुरैशी न तो ख़ुद चुनाव लड़े और न ही अपने बेटे को चुनाव लड़वाया और न ही पार्टी प्रत्याशी के प्रचार के लिए ही उतरे थे।

2024 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर हाजी याकूब कुरैशी सक्रिय दिखे। यही नहीं चुनावों में मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट के बसपा उम्मीदवार देवव्रत त्यागी के लिए पूरी ताक़त के साथ प्रचार करते भी हाजी याकूब देखे गये। बसपा सुप्रीमों मायावती के साथ मंच पर भी एक साथ नज़र आए। लेकिन,चुनाव प्रचार के दौरान जिस तरह उनके निशाने पर भाजपा की बजाय समाजवादी पार्टी अधिक रही उसने जरुर लोगां को चौंकाया। ऐसे में सवाल पूछे जा रहे हैं कि आखिर हाजी याकूब कुरैशी अपना नम्बर एक दुश्मन किसको मानते हैं। दरअसल, हाजी याकूब कुरैशी के बुरे दिनों की शुरुआत यूपी में योगी सरकार के आने के बाद ही शुरु हुई थी। यहां तक कि बीते महीनों में उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ी थी। न सिर्फ वो बल्कि उनके दोनों बेटों को भी जेल की हवा खानी पड़ी थी।

बता दें कि खरखौदा पुलिस ने बीएसपी नेता की मीट फैक्ट्री अल फहीम मीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड पर 31 मार्च, 2022 को छापेमारी की थी। इस मामले में याकूब उनके बेटे फिरोज़ और इमरान पत्नी समेत 17 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। ऐसे में जब हाजी याकूब कुरैशी 2024 के चुनाव में अपनी पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार के चुनाव प्रचार के लिए चुनावी मैदान में उतरे तो उम्मीद सबको यही थी कि उनके (हाजी याकूब कुरैशी) के निशाने पर मुख्य रुप से भाजपा ही रहेगी। लेकिन,हाजी याकूब कुरैशी ने उस समय लोगो को चौका दिया जब उन्होंने भाजपा की बजाय समाजवादी पार्टी को निशाने पर लिया। यहां तक कि अपने और अपने बेटों के जेल जाने का ठीकरा भी भाडजपा की बजाय सपा पर ही फोड़ते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के इशारे पर उन्हें जेल में डाला गया। उन्होंने मुसलमानों से सपा के बहकावे में ना आने का भी आव्हान किया।

हाजी याकूब कुरैशी के चुनाव प्रचार के दौरान सपा को निशाना बनाने के सवाल पर सपाइयों का कहना है कि उन्होंने ऐसा भाजपा के दबाव में किया। सच्चाई यही है कि उनके इस तरह के प्रचार का फायदा बसपा की बजाय भाजपा को मिलना था। उत्तर प्रदेश की राजनीति में याकूब कुरैशी का विवादों से गहरा नाता रहा है। याकूब कुरैशी का नाम सबसे पहले तब सुर्खियों में आया था, जब उन्होंने डेनमार्क के कार्टूनिस्ट का सिर कलम करने वाले को 51 करोड़ का इनाम देने की घोषणा की थी। उस समय कई बार विवादित बयान देकर याकूब ने मीडिया में सुर्खियां बटोरी थीं। साल 2006 में एक विवादित कार्टून से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने की बात कहते हुए हाजी याकूब कुरैशी ने मेरठ में यह घोषणा की थी।

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