फिरोजाबाद: 175 मीट कारोबारियों ने दी आत्मदाह की धमकी, पांच दिन से घरों में नहीं जले चूल्हे
फिरोजाबाद: जबसे उत्तर प्रदेश की सरकार बदली है, तबसे मीट विक्रेताओं में खलबली मची है। लोग काम बंद हो जाने की वजह से खुदकुशी करने की बात कह रहे हैं। फ़िरोज़ाबाद में एक स्लॉटर हाउस बंद होने से 175 मीट की दुकानें बंद हुई हैं। जिसकी वजह से मीट बेचने वाले बेरोजगार हो गए हैं। इनके घरों मे पिछले 5 दिनों से चूल्हे नहीं जले हैं। इनका कहना है कि अगर दुकानें नहीं खुली, तो मजबूरन इन्हें आत्महत्या करनी होगी।
175 दुकानों पर लग गए हैं ताले
-बता दें कि फ़िरोज़ाबाद में एक लायसेंसी स्लॉटर हॉउस था, जहां से 175 दुकानों पर मीट जाता था। पर इसका लायसेंस रीन्यू ना होने से इसे बंद कर दिया गया। 2016 तक नगर निगम रसीद काटती रही कि लायसेंस रीन्यू हो जाएगा। पर ऐसा नहीं किया गया। स्लॉटर हॉउस पर ताला लटका दिया गया।
-जब से योगी सरकार बनी है, तब से वहां की सारी मीट की दुकानें बंद हैं। बताया गया है कि इन 175 दुकानों के व्यापार से 4 हजार लोगों का पेट भरता था। लेकिन अब आलम ये है कि इन मीट दुकानदारों के यहां 5 दिन से खाना तक नहीं बना है।
-सभी बच्चे भूखे हैं, इस महीने स्कूल में फीस नहीं जमा की, तो स्कूल वालों ने भगा दिया। अब नौबत तो ये आ गई है कि अगर इनकी दुकानें दुबारा नहीं खुली या यूपी सरकार ने इनको कोई काम नहीं दिया, तो ये अपनी जान दे देंगे।
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क्या है दुकानदारों का कहना
-दुकानदार आजाद कुरैशी ने कहा कि हमारे पास 2016 से 31 मार्च 2017 की लायसेंस फीस जमा करने की रसीद है और हाई कोर्ट के आदेश भी हैं कि हमारा लायसेंस बनाया जाए।
-लेकिन नगर निगम के अधिकारी अब लायसेंस बनाने से मना कर रहे हैं। हम डीएम से मिल चुके हैं।
-दुकानदार आकिल ने कहा कि इस व्यापार से 4 हजार लोगों के पेट भरते हैं। सरकार ने ये फैसला तुरंत लिया है। अगर हमारी दुकानें नहीं खुली, तो हम आत्महत्या कर लेंगे।
-चमन बेगम ने कहा कि दुकानदारों के घर की महिलाएं भी काफी परेशान हैं। 5 दिन से घर में खाना नहीं बना है। बच्चे भूखे हैं। सरकार कुछ तो सोचे।
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क्या है डीएम नेहा शर्मा का कहना
डीएम नेहा शर्मा ने कहा कि मुझसे आकर सभी कट्टी घरों के लोग मिले उनसे कहा गया है कि अगर आपका लायसेंस है, तो वो वैध हैं। आप काम कर सकते हैं और इस बारे में नगर आयुक्त से कह दिया गया है कि जिनके हाइकोर्ट से आदेश हैं, उनके लायसेंस बनाए जाएं और इन लोगों की समस्या को गंभीरता से लिया जाए।