लखनऊ: कुख्यात डकैत अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया उर्फ डॉक्टर को अगस्त 2008 में यूपी एसटीएफ टीम ने एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया। आज यदि वह जिंदा होता तो उसे भी फांसी की सजा सुनाई जाती। 13 साल पुराने बगैहापुरवा नरसंहार मामले में एंटी डकैती कोर्ट ने शुक्रवार को 9 दोषियों को फांसी और 2 को उम्रकैद की सजा सुनाई है। ठोकिया ने ही डकैती के दौरान साथियों संग सात लोगों को जिंदा जला दिया था।
क्या है मामला?
-17 जुलाई 2003 में भरतकूप के घुरेटनपुर बगैहापुरवा में पांच लाख के इनामी डकैत अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया ने बगैहापुरवा को फिल्मी अंदाज में घेर लिया था। कुछ घरों में आग लगाकर सात लोगों को जिंदा जला दिया था।
ठोकिया सहित चार की हो चुकी मौत
गांव के राजू प्रसाद पटेल ने 18 जुलाई को ठोकिया, शंकर केवट, चुन्नी पटेल, गुड्डा पटेल समेत 18 नामजद और 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इसमें नामजद 4 डाकू ठोकिया, चुन्नी, गुड्डा और शंकर केवट की मौत हो चुकी है। बाकी 14 अपराधियों पर 13 साल से मामला कोर्ट में विचाराधीन था।
बचपन में अपराधी बन गया था ठोकिया
-ठोकिया उर्फ लोटवा का जन्म 1972 में ग्राम लोखरिया पुरवा, थाना कर्वी जनपद चित्रकूट में हुआ था।
-वह अपने मां-बाप की पहली संतान था। इंटरमीडिएट तक शिक्षित ठोकिया बचपन में ही बुरी संगत में पड़ने के कारण गांव में ही छोटे-छोटे अपराध करने लगा।
-इसी दौरान उसने संता खैरवार गैंग के साथ मिलकर पहली बार अपने ही गांव के राजेश का अपहरण फिरौती के लिए किया।
-मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा संता खैरवार को मार गिराए जाने के बाद अपना अलग गैंग बना लिया।
-चित्रकूट, बांदा और मध्यप्रदेश के रीवा, सतना में अपराध करने लगा।
छह लाख रुपए का था इनाम
-ठोकिया पर उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में 60 आपराधिक मुकदमे दर्ज थे।
-उत्तर प्रदेश सरकार ने उस पर पांच लाख रुपए और मध्यप्रदेश सरकार ने एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया था।
6 कमांडों की ली थी जान
22 जुलाई 2007 को बलखड़िया के साथ पुलिस मुठभेड़ कर लौट रहे एसटीएफ के जवानों पर घात लगाकर ठोकिया गिरोह ने अंधाधुंध फायरिंग कर 6 कमांडो की हत्या कर दी थी। हमले में एसटीएफ के 10 जवान घायल भी हुए थे।