कोरोना संकट के बावजूद प्रदेश में नहीं थमी कृषि विकास की गति: सूर्य प्रताप शाही

कृषि मंत्री ने बताया, 'प्रदेश में खेती का बजट 6 गुना तक बढ़ाया गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक 2 करोड़ 55 लाख 77 हजार से अधिक किसानों के खाते में राशि गई।

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Published By :  aman
Update: 2022-04-12 12:36 GMT

Surya Pratap Shahi  

Surya Pratap Shahi Press Conference : केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार के ठोस कदमों से देश और प्रदेश में किसानों के अंदर नई आशा और उत्साह का संचार हुआ है। कोरोना संकट (Corona Pandemic) के बावजूद सीएम योगी (CM Yogi) के कुशल मार्गदर्शन में प्रदेश में कृषि विकास (Agricultural Development) की गति नहीं थमी। आगे भी किसानों के हितों और उनके संवर्धन में कोई कमी नहीं आने देंगे। यह बातें यूपी के कृषि मंत्री ने बीजेपी मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कहीं।  

सूर्य प्रताप शाही (Surya Pratap Shahi) ने बताया, कि प्रदेश में खेती का बजट 6 गुना तक बढ़ाया गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक 2 करोड़ 55 लाख 77 हजार से अधिक किसानों के खाते में कुल 42,565 करोड़ रुपये हस्तांतरित की गई है। आपदा के वक्त भी योगी सरकार (Yogi Government) किसानों के दुख में उनके साथ खड़ी रही है। अब तक 29 लाख 42 हजार किसानों के खाते में 2947.76 करोड़ रुपए क्षतिपूर्ति सीधे किसानों के खातों में हस्तांरित की गई है। 36  हजार करोड़ रु. से 86 लाख लघु एवं सीमांत किसानों की ऋण माफी की गई है। इन तमाम प्रयासों से किसानों की आत्महत्या को रोकने में सफलता मिली है।

MSP में डेढ़ गुना से ज्यादा वृद्धि 

शाही ने बताया, कि बीते पांच साल के भीतर प्रदेश का कुल कृषि उत्पादन 619 लाख मीट्रिक टन से अधिक पहुंच गया है। दलहन और तिलहन का भी उत्पाद बढ़ा है। समय पर खाद, बीज और पानी की व्यवस्था की है। गोरखपुर में खाद कारख़ाना शुरू किया गया। हमने एम.एस.पी. (MSP) में लगभग डेढ़ गुना से ज्यादा की वृद्धि की है। जहां धान के समर्थन मूल्य में वृद्धि 1940 रु. प्रति क्विंटल हुई, वहीं गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति कुन्तल निर्धारित की गई। सपा सरकार के समय जहां 217 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न की खरीद हुई थी। वहीं, यूपी में अब तक 89 लाख 47 हजार किसानों से 500 लाख मी.टन खाद्यान्न क्रय कर रु. 90,419 करोड़ से अधिक का भुगतान किया गया है।

गन्ना किसानों को 1.68 लाख करोड़ से अधिक का भुगतान

कृषि मंत्री ने बताया कि पिछले 5 वर्ष में गन्ना किसानों (Sugarcane Farmers) को 1,68,905.38 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। जबकि, उससे पहले के 5 वर्ष (2012-17) में गन्ना किसानों को कुल 95 हजार करोड़ का भुगतान ही हुआ था। सरकार ने गन्ना के भुगतान में 25 रुपए प्रति कुंटल की वृद्धि की है। गन्ना किसानों का उत्साह, गन्ना खेती का क्षेत्रफल और उत्पादन बढ़ा है। नई चीनी मिलें खुली हैं, बंद चीनी मिलों को शुरू किया गया, कई चीनी मिलों की क्षमता बधाई गई है। इन सबके साथ प्रदेश ने रिकॉर्ड एथेनॉल का उत्पादन भी किया है।  

3.70 करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित

उन्होंने कहा, कि प्रदेश की 27 से अधिक मंडियों में कोल्ड चैम्बर और राइपेनिंग चैम्बर का निर्माण किया गया है। पीएम मोदी के निर्देश पर प्रदेश के किसानों खेती की विविधता को बढ़ावा देने, खेती की लागत कम करने और रासायनिक खादों के अंधाधुंध इस्तेमाल को रोकने के लिए 3.70 करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए हैं। इसके अलावा 1 करोड़ 66 लाख किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किए गए हैं। 'द मिलियन फार्मर्स स्कूल' के माध्यम से 80 लाख से अधिक किसानों को प्रशिक्षण और संवाद कार्यक्रम से केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं को पहुंचाने का काम किया गया।

सिंचाई क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य 

प्रदेश में सिंचाई के क्षेत्र में किए गए अभूतपूर्व कार्यों की तारीफ करते हुए शाही ने बताया कि पी.एम. कुसुम योजना में 26,400 से अधिक  सोलर पम्प स्थापित किए गए। जिससे डेढ़ लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता बढ़ी है। इसके अतिरिक्त विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के पूर्ण होने से 20 लाख हेक्टेयर से अधिक सिंचाई क्षमता में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्तमान सरकार द्वारा परम्परागत कृषि विकास योजना के 500 से 1000 क्लस्टर बनाकर जैविक खेती कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।

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