Mirzapur News: पूर्व विधायक ललितेशपति त्रिपाठी को कोर्ट ने दी बड़ी राहत, मुकदमे में दोषमुक्त
Mirzapur News: एसीजेएम प्रथम अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने ललितेश पति त्रिपाठी को दोषमुक्त करार दिया है। वर्ष 2012 में चुनाव के समय मड़िहान थाने में दर्ज हुआ था मुकदमा।
Mirzapur News: तृणमूल कांग्रेस नेता मड़िहान के पूर्व विधायक ललितेशपति त्रिपाठी को कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए 2012 के मुकदमे में दोषमुक्त करार दिया है। ललितेश पति त्रिपाठी के ऊपर धारा 143,188,341,353 आईपीसी व 133 लोक अधिनियम के तहत दर्ज हुआ था मामला। एसीजेएम प्रथम अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने ललितेश पति त्रिपाठी को दोषमुक्त करार दिया है। वर्ष 2012 में चुनाव के समय मड़िहान थाने में दर्ज हुआ था मुकदमा।
जानिए क्या था पूरा मामला
यूपी के मिर्ज़ापुर में आज पूर्व कांग्रेस विधायक व तृणमूल कांग्रेस के नेता ललितेशपति त्रिपाठी को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। 2012 में बसपा शासनकाल में विधान सभा चुनाव के समय राहुल गाँधी की जनपद में सभा के समय सड़क पर समर्थको के साथ जाम करने और हंगामा करने को लेकर राजगढ़ चौकी में तैनात एस एस आई द्वारा 9.2.2012 को मड़िहान थाने में
कांग्रेस प्रत्याशी ललितेशपति त्रिपाठी पर अपने समर्थकों के साथ कलवारी में आयोजित सभा मे बिना वाहन पास के जाने और समर्थको के साथ सड़क जाम कर हंगामा करने का मुकदमा दर्ज करवाया था।पूर्व विधायक को इसमे अभियुक्त बनाया गया था।आज मिर्ज़ापुर सत्र न्यायालय में प्रथम अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आंनद उपाध्याय ने आईपीसी कि धारा 143,188,341,353 व 133 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत दर्ज मुकदमे में दोनो पक्षो को सुनने के बाद फैसला दिया।जिसमे कोर्ट ने ललितेशपति त्रिपाठी को दोषमुक्त करार दिया।कोर्ट के फैसले पर ललितेशपति त्रिपाठी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि राजनीति को लेकर इस तरह का मुकदमा दर्ज किया गया था।कोर्ट का फैसला आया है।कोर्ट ने दोषमुक्त करार दिया है।
क्या कहा ललितेश पति त्रिपाठी ने
ललितेशपति त्रिपाठी-पूर्व विधायक(यह 2012 का मामला था।चुनाव में दबाब में लेने के लिए यह मुकदमा दर्ज करवाया था।उस दिन राहुल गाँधी जी की सभा थी।आज कोर्ट ने दोषमुक्त करार दिया है।
अधिवक्ता राहुल त्रिपाठी ने कहा
राहुल त्रिपाठी-वकील फस्ट एसीजीएम मिर्ज़ापुर ने आज फैसला सुनाया जिसमे उन्हें दोषमुक्त करार दिया गया है।2012 में बसपा शासन काल मे एक फर्जी मुकदमा दर्ज करवाया गया था।इसी मामले को लेकर यह फैसला था।