Mirzapur: गोबर से बनी बर्मी कंपोस्ट खाद की विदेशों में बढ़ी मांग, घर बैठे कमाई का एकमात्र जरिया

मिर्जापुर के सीखड़ ब्लाक निवासी गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाकर देश के 10 राज्यों के साथ ही विदेशों में भी सप्लाई कर रहे है। इस व्यापार में करीब 88 लोगों को रोजगार मिला है। लाखों रुपये की कमाई घर बैठे हो रही हैं।

Report :  Brijendra Dubey
Published By :  Deepak Kumar
Update:2022-05-15 18:09 IST

Mirzapur: वर्मी कंपोस्ट खाद की विदेशों में बढ़ी मांग। 

Mirzapur: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में कृषि भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाएं रखने की भारतीय पुरानी परंपरा के बलबूते भारत अब विदेशों में गोबर की खाद बेंच रहा है। जिसके बल पर मिर्जापुर के सीखड़ ब्लाक निवासी गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाकर देश के 10 राज्यों के साथ ही विदेशों में भी सप्लाई कर रहे है। इस व्यापार में करीब 88 लोगों को रोजगार मिला है। लाखों रुपये की कमाई घर बैठे हो रही हैं। इसके लिए 25 गांवों का गोबर एकत्रित किया जा रहा हैं।

विदेशों में बढ़ी खाद की मांग

सीखड़ ब्लाक (sikkar block) के गांव निवासी मुकेश पांडेय उर्फ सौरभ ने बताया गांव में जगह-जगह लगे गोबर गोबर के ढेर को देखकर प्राचीन विधि के तहत उसे वर्मी कंपोस्ट में तब्दील करने का निर्णय लिया । गोबर के काम को आरंभ किया । देखते ही देखते वर्मी कंपोस्ट की मांग बढ़ती गई । मिर्जापुर जिले के आसपास बढ़ती मांग को देखते हुए काम को बढ़ाया और आज वह देश के मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, हरियाणा और दिल्ली समेत 10 राज्यों में वर्मी कंपोस्ट की सप्लाई कर रहे हैं । इतना ही नहीं गोबर से बने खाद को वह विदेशों में निर्यात कर रहे हैं । अभी पहली खेप साउथ कोरिया भेजी गई है। इससे जहां विदेशी मुद्रा अर्जित हो रही है वही इस काम में लगे 88 लोगों को रोजगार मिला है । जो 25 गांव में ट्रैक्टर के माध्यम से गोबर को इकट्ठा करके लाते हैं और उसे वर्मी कंपोस्ट बनाने में सहयोग करते हैं ।

अधिकारी ने कहा गौरव की है बात

वर्मी कंपोस्ट बनाने में उप कृषि निदेशक सहायक बने तो नाबार्ड ने भी अपनी योजना के तहत नवचेतना एग्रो सेंटर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड (Navchetna Agro Center Producer Company Limited) को मदद दी । लोगों के सहयोग से खाद बनाने का काम जोर शोर से किया जा रहा है। गांवों में अब गोबर का ढेर नहीं दिखता । टीम के लोग 2 रुपए प्रति किलो के हिसाब से गोबर खरीद कर लाते हैं। इस काम को मिल जुलकर आगे बढ़ा रहे हैं। विदेशों में गोबर को बेच करके जिला ही नहीं देश गौरवान्वित है।

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