Mirzapur Season 3: क्या वाकई यूपी के इन माफियाओं पर ही आधारित है वेब सीरीज 'मिर्जापुर'

Mirzapur Season 3: मिर्जापुर वेब सीरीज का तीसरा पार्ट पांच जुलाई को रिलीज हो रहा है। मिर्जापुर की कहानी क्या किसी माफिया पर आधारित है या फिक्शन है, जानें

Written By :  Snigdha Singh
Update: 2024-07-04 11:40 GMT

Mirzapur Season 3 (Social Media)

Mirzapur Season 3: मिर्जापुर, नाम से ही अलग तरह का एहसास है। खासतौर पर वेब सीरीज आने के बाद तो मिर्जापुर के नाम पर ही लोगों को खौफ वाली फीलिंग आती है। जिस तरह से रक्तांचल, भौकाल, रंगबाज वेब सीरीज को माफियाओं के ऊपर बनाया गया है उसी तरह से मिर्जापुर वेब सीरीज के पीछे किसकी कहानी है? ये जानने को सब आतुर हैं। हालांकि कई सालों पहले मिर्जापुर में इस तरह की दबंगई हुआ करती थी लेकिन अब एक आदर्श जिले के रूप में जाना जाता है। 

किसका है पंकज त्रिपाठी का रोल

मिर्जापुर वेब सीरीज में पंकज त्रिपाठी का किरदार शक्ति, भय, क्रूरता, वफादारी, नैतिकता और हास्य से भरपूर रहा है। ऐसा ही व्यक्तित्व जौनपुर के सांसद धनंजय सिंह का है जिनका विवादों से पुराना नाता रहा है और एक समय था जब उन पर 50 हजार का ईनाम रखा गया था। धनंजय सिंह एक ऐसे शख्स हैं अलग-अलग विवादों के चलते अक्सर चर्चा में रहते हैं l ये टिप्पिणियां हमारी नहीं बल्कि सोशल मीडिया में दर्शकों द्वारा की गई है। एक समय था कि जब पूर्वांचल में मुख्तार, बृजेश सिंह समेत कई माफियाओं का दबदबा रहा लेकिन मिर्जापुर की कहानी इन पर आधारित नहीं है। इसकी कहानी काल्पनिक है।  

इसके इतर दर्शकों का कहना है कि ये कहानी मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह गैंग से प्रभावित है। पूर्वांचल में एक दौर पर जो उनका खौफ था उसे ही वेब सीरीज में दिखाने के प्रयास किया गया है। जबकि सीरीज के निर्माताओं का कहना है कि ये फिक्शन स्टोरी है। इस सीरीज की कहानी को किसी व्यक्तिगत इंसान से नहीं जोड़ा गया।  



क्या मिर्जापुर में होता है कट्टा और कालीन का व्यापार 

एक समय था जब मिर्जापुर कारोबार के मामले में प्रदेश का बड़ा केंद्र था। मिर्जापुर वेब सीरीज में दिखाया गया है कि जिले में कालीन और कट्टों का व्यापार होता है। दरअसल, मिर्जापुर के पड़ोसी जिला भदोही में कालीन का व्यापार बड़े तौर पर होता है। लेकिन सालों पहले यहां कालीन-दरी बनाने का ही काम होता था। वहीं बात कट्टों के व्यापार की करें तो पुरानी समय में जब पूर्वांचल में माफिया का बोलबाला चलता था तो उन दिनों में ही कट्टों के व्यापार ने तेजी पकड़ा था। लेकिन मिर्जापुर कट्टों का तो नहीं बल्कि कालीन के व्यापार का गढ़ रहा है। अब के समय में मिर्जापुर में लकड़ी और पीतल का कारोबार होता है। कारोबार को लेकर वेब सीरीज में मिर्जापुर की जैसी छवि दिखायी गई वैसी बिल्कुल नहीं है। 



27 सितंबर 2017 को वेब सीरीज की शूटिंग उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में शुरू हुई, जिसका हिस्सा अली फजल, श्वेता त्रिपाठी के साथ तमाम एक्टर थे। वाराणसी शहर के साथ-साथ सीरीज की शूटिंग यूपी के जौनपुर, आजमगढ़, गाजीपुर, लखनऊ, रायबरेली, गोरखपुर, मऊ और बलिया में भी हुई है। इस वेब सीरीज के बाद यूपी के क्रिमिनल केसेज पर वेब सीरीज बनने का सिलसिला शुरू हुआ।

कुछ ऐसा है मिर्जापुर

मिर्जापुर, यह उत्तर प्रदेश में स्थित है जहां पवित्र नदी गंगा विंध्य क्षेत्र से मिलती है। यह हिंदू पौराणिक कथाओं में महत्वपूर्ण माना जाता है और वेदों में इसका उल्लेख है मिर्जापुर के पास एक धार्मिक स्थल विंध्याचल की स्थापना की विन्ध्याचल, शक्ति पीठ, उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में तीर्थस्थान का केंद्र है। शहर कई पहाड़ियों से घिरा हुआ है और मिर्जापुर जिले का मुख्यालय है और यह विंध्याचल, अष्टभुजा और काली खोह के पवित्र मंदिर के लिए प्रसिद्ध है और यहां तक ​​कि देवरहवा बाबा आश्रम भी यहां है।  

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