Mirzapur News: सैकड़ों सालों से लग रहा है बेचूबीर में भूतों का मेला, पुत्र प्राप्ति के साथ भूत-प्रेत बाधा से निजात पाने की है मान्यता
Mirzapur News: यूपी के मिर्जापुर जनपद के बेचूबीर ग्राम सभा बरही में तीन दिनों तक बेचूबीर का मेला लगता है, जहां पर मेले में पुत्र की प्राप्ति के लिए व भूत प्रेत बाधा से निजात पाने और घर परिवार में सुख शांति के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।
Mirzapur News: जनपद के अहरौरा थाना क्षेत्र के बेचुबीर ग्राम सभा बरही में तीन दिवसीय अंतरप्रांतीय ऐतिहासिक बेचूबीर के मेले की आज से शुरुआत हो गयी है। यह मेला अंतरप्रांतीय मेले के रूप में जनपद का सबसे बड़ा मेला माना जाता है। मेले में पुत्र की प्राप्ति के लिए व भूत प्रेत बाधा से निजात पाने और घर परिवार में सुख शांति के लिए दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं। मेले में दूर दराज के साथ अन्य प्रदेशों से भक्त आते हैं। बरहिया माता के चौरी पर महिला, पुरुष, बच्चे भी बेचूबीर के चौरी पर मत्था टेकने आते हैं।
यह मान्यता है कि मत्था टेकने मात्र से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। तीन दिनों के चलने वाले मेले में लगभग चार से पांच लाख श्रद्धालु आते हैं। बेचूबीर में लगने वाले मेले में यूपी, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र ,बिहार, दिल्ली और झारखंड से लगभग दर्जन भर प्रांत से भक्त आते हैं।
जानिए बेचूबीर की रहस्यमयी कथा
यूपी के मिर्जापुर जनपद के बेचूबीर ग्राम सभा बरही में तीन दिनों तक बेचूबीर का मेला लगता है, जहां पर मेले में पुत्र की प्राप्ति के लिए व भूत प्रेत बाधा से निजात पाने और घर परिवार में सुख शांति के लिए दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं। प्रशासन के द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं, प्रशासन द्वारा साफ सफाई, पेयजल आपूर्ति नगर पालिका अहरौरा द्वारा चुनार व ग्राम पंचायतों द्वारा किए गए हैं, नदी के किनारे महिलाओं के कपड़े बदलने कि व्यवस्था कि गई है, महिलाओं की सुरक्षा के दृष्टिगत व्यापक महिला पुलिस बल, पीएससी बल मेले में जगह जगह तैनात किए गए हैं।
मंदिर के पुजारी ब्रजभूषण यादव बेचूबीर का कहना है कि " मेले की शुरुआत लगभग सैकड़ों वर्ष पहले बरही गांव में बेचू यादव नामक व्यक्ति थे, बरही गांव चारों तरफ जंगलों से घिरा था, बेचू यादव जंगल में भैंस चराने गए हुए थे, तभी उनकी लड़ाई शेर से हो गई, बेचू यादव घायल हो गए और शेर भी घायल हो गया। बेचू यादव किसी तरह अपने घर बरही गांव में पहुंचे। बेचू यादव घायल अवस्था में थे तभी आकाशवाणी हुई उस दौरान यह कहा गया कि जो मांगना हो मांग लो, जब बेचू यादव बोले हमारे समाधी स्थल पर जो भी माथा टेकेगा उसकी मनोकामना पूरी होगी। जब उनकी पत्नी को जानकारी हुई, तब उनकी पत्नी को बच्चा हुआ था वह बरही में थी, गोद में 12 दिन कि लड़की थी, जंगल में घूमते हुए खून गिरा हुआ दिखाई दिया उसी गांव में कुछ ही दूरी पर स्नान करने गई और अपना समाधी स्थल बनाकर सती हो गई। तभी से बेचूबीर गांव में बरही माता का मेला लगता आ रहा है। यह मेला लगभग चार सौ वर्षो से लगता आ रहा है।