Mirzapur: दलित के कच्चे मकान पहुंचे थे मंत्री नंदी, गंगाजली ने कराया था भोजन, बोलीं- 'नहीं मिला सरकारी योजनाओं का लाभ'
Mirzapur News: दलित गंगाजली ने बताया कि, 'वो सरकारी योजनाओं से वंचित है। परिवार के पास राशन कार्ड तक उपलब्ध नहीं है। घर में रखे गैस सिलेंडर के बारे में बताया कि यह बाहर से लाया गया है। उन्हें उज्ज्वला योजना का भी लाभ नहीं मिला है।'
Mirzapur News: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले देश भर के राजनेताओं में दलित के घर पर खाना खाने की होड़ लगी है। जब कभी चुनाव नजदीक होता है तो ये होड़ भीड़ में तब्दील हो जाती है। राज्य सरकार के मंत्री से लेकर सांसद तक आते हैं और खाना खाकर चले जाते हैं। वादे भी किए जाते हैं। लेकिन, समय के साथ वादे-दावे सब पीछे छूट जाते हैं। कोई उन गरीबों की तरफ पलटकर नहीं देखता।
ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर जिले से सामने आया है। यहां मंत्री जी आए। खाना खाते हैं। बोतल बंद पानी पीते हैं और चले आते हैं। उनके आगमन से पहले गैस सिलेंडर मांगकर इसलिए लाया जाता है, ताकि फ़ोटो फ्रेम न खराब हो। जी हां, ऐसा ही कुछ हुआ सिटी विकास खण्ड के शाहपुर चौसा गांव में। यहां प्रभारी मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी सोमवार को दलित के घर दावत में पहुंचे थे।
गंगाजली ने मिट्टी के चूल्हे पर बनाई थी बाजरे की रोटी
दलित गंगाजली के कच्चे मकान में पहुंचे मंत्री नंदी के साथ मड़िहान विधायक रमाशंकर सिंह पटेल, डीएम प्रियंका निरंजन, एसपी अभिनंदन व बीजेपी के जिलाध्यक्ष बृजभूषण सिंह भी थे। खपरैल वाले मकान में गंगाजली ने मिट्टी के चूल्हे पर बाजरे की रोटी बनाई। उनके पति उमाशंकर रोटी पर घी लगाकर खिला रहे थे। गंगाजली की दो भतीजी अंजू और ज्योति अपनी चाची गंगाजली के साथ खाना खिलाने में सहयोग दे रही थी।
बीजेपी जिलाध्यक्ष के गांव का हुआ था चयन
मंत्री के आगमन से पूर्व बीजेपी जिलाध्यक्ष बृजभूषण सिंह के गांव में दलित परिवार का चयन किया गया। खण्ड विकास अधिकारी एवं ग्राम प्रधान पति सुजीत सिंह ने गंगाजली को इस बाबत जानकारी दी थी। खाना में दाल, चावल, पनीर की सब्जी, आलू दम, साग, सलाद, रायता और गुलाब जामुन खिलाया गया था। यह खाना फाइबर की थाली में दी गई थी। पानी बोतलबंद बाहर से आया था। दलित गंगाजली की सेवा भाव से खुश होकर कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी ने गंगाजली को 21 हजार रुपए भी दिये। उनकी भतीजी अंजू और ज्योति को 5100- 5100 रुपया नगद लिफाफा में दिया। मंत्री जी ने रुपए तो दिया लेकिन सरकारी योजना में क्या मिला का प्रश्न पूछने पर सीधा सपाट जवाब दिया की कोई लाभ नहीं मिला है। गंगाजली ने कहा कि, उन्हें पैसा की जगह कोई निशानी मिलता तो अच्छा रहता'।
योजनाओं से वंचित है गंगाजली
दलित गंगाजली ने बताया कि, 'वो सरकारी योजनाओं से वंचित है। परिवार के पास राशन कार्ड तक उपलब्ध नहीं है। घर में रखे गैस सिलेंडर के बारे में बताया कि यह बाहर से लाया गया है। उन्हें उज्ज्वला योजना का भी लाभ नहीं मिला है। कच्चा घर में जिसमे मंत्री ने खाना खाया वह भी विवादित है। सरकारी योजनाओं के लिए ग्राम प्रधान को वो कहती है, लेकिन आजतक न कोई लाभ नहीं मिला। वही गंगाजली के कच्चे मकान के ठीक सामने एक पक्का मकान है जो गंगाजली का है। उनके पति द्वारा कमाई करके बनाया गया है। गंगाजली ने कहा, उनके पास पानी पीने की समस्या है। टोटी से पानी आता है लेकिन चार पांच दिन में एक बार आता है।