Mirzapur: शादी के 9 साल बाद बनने जा रहा था पिता, गलत रिपोर्ट से हो जाती भ्रूण हत्या, पीड़ित ने दी तहरीर
Mirzapur News: गलत रिपोर्ट की जानकारी मिलने पर जब पीड़ित ने इसकी शिकायत अल्ट्रासाउंड करने वाले चिकित्सक से की तो उसने रिपोर्ट कार्ड ही बदल दिया। कहा गया कि, टाइपिंग मिस्टेक हो गया था।
Mirzapur News: यूपी के मिर्जापुर में शादी के 9 साल बाद एक शख्स पिता बनने जा रहा था। डॉक्टर के कहने पर पत्नी का अल्ट्रासाउंड कराया। मिर्ज़ापुर नगर स्थित एक पैथोलॉजी केंद्र ने गलत रिपोर्ट दी। जिसमें जच्चा-बच्चा दोनों के जान को खतरा बताया गया। उस व्यक्ति की 9 साल बाद पिता बनने की तमन्ना पर पानी फिर जाता, अगर वह दूसरी जगह जांच न कराता।
दूसरी जगह रिपोर्ट सामान्य आने पर वह भ्रूण हत्या के गुनाह से बच गया। गलत रिपोर्ट की जानकारी मिलने पर जब पीड़ित ने इसकी शिकायत अल्ट्रासाउंड करने वाले चिकित्सक से की तो उसने रिपोर्ट कार्ड ही बदल दिया। कहा गया कि, टाइपिंग मिस्टेक हो गया था। जिसे अब सही कर दिया गया है। पीड़ित ने शहर कोतवाली में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की है।
दूसरी जगह रिपोर्ट सामान्य आने पर वह भ्रूण हत्या के गुनाह से बच गया। गलत रिपोर्ट की जानकारी मिलने पर जब पीड़ित ने इसकी शिकायत अल्ट्रासाउंड करने वाले चिकित्सक से की तो उसने रिपोर्ट कार्ड ही बदल दिया। कहा गया कि, टाइपिंग मिस्टेक हो गया था। जिसे अब सही कर दिया गया है। पीड़ित ने शहर कोतवाली में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की है।
क्या है मामला?
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के शहर कोतवाली क्षेत्र के सत्ती रोड पक्का घाट निवासी तबीर रियाज ने रामबाग स्थित पैथोलॉजी सेंटर पर गलत रिपोर्ट देने का आरोप लगाया। शहर कोतवाली में मामला दर्ज किए जाने के लिए तहरीर दी है। पीड़ित पक्ष का कहना है कि, उसकी शादी के 9 साल बाद पत्नी गर्भवती हुई। वह महिला चिकित्सक से बराबर मेडिकल चेकअप करवा रही थी। उनके कहने पर 18 सितंबर को उसने अल्ट्रासाउंड कराया। मगर, रिपोर्ट गलत दिया गया। रिपोर्ट में महिला चिकित्सक ने जच्चा- बच्चा को खतरा बताया।
डॉक्टर ने कहा- टाइपिंग मिस्टेक था
9 साल बाद पिता बनने की चाहत अधूरी न रह जाए, उसने दूसरे जिले में अल्ट्रासाउंड कराया। वहां रिपोर्ट नॉर्मल आया। कई जगह जांच करने के बाद सभी जगह रिपोर्ट नॉर्मल आने पर वह रामबाग पैथोलॉजी केंद्र पहुंचा। जहां उसके रिपोर्ट कार्ड को बदल दिया गया। पीड़ित ने गलत रिपोर्ट देने वाले पैथोलॉजी केंद्र पर मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। पैथोलॉजी केंद्र के डॉक्टर ने कहा कि, यह एक टाइपिंग मिस्टेक था। जिसे दुरुस्त करके मरीज के परिजन को दे दिया गया है।