Mirzapur News: शहर ही नहीं, गांव में भी खूब चमकती हैं प्रतिभाएं, मिलिए मिर्जापुर के सीबीएसइ टॉपर शुभम से, बनना चाहते हैं

Mirzapur News: सीबीएसइ बोर्ड में उच्च अंक पाने वाले बच्चों में केवल महानगरों के छात्र शामिल नहीं हैं। यूपी के छोटे से जनपद मिर्जापुर के एक गांव में रहने वाले शुभम नाम के छात्र ने इंटरमीडिएट में 98.4 अंक हासिल करके जहां जिले में टॉप किया है।

Update: 2023-05-17 16:54 GMT

Mirzapur News: सीबीएसइ बोर्ड में उच्च अंक पाने वाले बच्चों में केवल महानगरों के छात्र शामिल नहीं हैं। यूपी के छोटे से जनपद मिर्जापुर के एक गांव में रहने वाले शुभम नाम के छात्र ने इंटरमीडिएट में 98.4 अंक हासिल करके जहां जिले में टॉप किया है, वहीं प्रयागराज रीजन के करीब 49 जनपदों में शुभम ने चौथा स्थान हासिल कर नाम रोशन किया है।

जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर के गांव का है शुभम

मेधावी छात्र शुभम उपाध्याय जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर मझवां ब्लॉक के स्वामी विवेकानंद एकेडमी का छात्र है। बुधवार को जिला टॉपर बने शुभम उपाध्याय का स्वामी विवेकानंद एकेडमी प्रबंधन की ओर से स्कूल पहुंचने पर स्वागत और सम्मान किया गया। किसान के बेटे शुभम ने कड़ी मेहनत से यह सफलता हासिल की है। उसने बताया कि आगे चलकर वो चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहता है। प्रधानाचार्य सुजॉय चक्रवर्ती ने उत्तीर्ण छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए बधाई दी है। गौरतलब है कि सीबीएसइ के पूरे देश में 16 रीजनल आफिस हैं।

प्रयागराज रीजन में लगभग 49 जनपद आते हैं। उसमें शुभम उपाध्याय ने चौथा स्थान लाकर मिर्जापुर का नाम रोशन किया तो शहर के लोगों में खुशी दिखी। शुभम ने इसका श्रेय अपने शिक्षकों को दिया। दूसरी तरफ उसके गांव से लेकर शहर तक के लोग उसकी प्रतिभा की तारीफ करते नहीं थक रहे। लोगों का कहना है कि किस तरह दूरदराज के गांव में रहने वाला एक किसान का बेटा मनचाहा मुकाम हासिल कर सकता है, जबकि महानगरों के बड़े-बड़े स्कूलों में महंगी फीस और तमाम सुविधाओं के बीच भी छात्र-छात्राएं उसकी बराबरी नहीं कर सके। लोगों का कहना है कि इससे साबित होता है कि पढ़ाई और तरक्की के लिए जज्बा होना सबसे जरूरी है। तरक्की करने का जज्बा हो तो कोई भी अड़चन आड़े नहीं आ सकती है।

प्रिंसिपल ने कहा- विद्यार्थी जीवन में तपस्या जरूरी

इस मौके पर प्रधानाचार्य सुजॉय चक्रवर्ती ने कहा कि विद्यार्थी जीवन तपस्या का जीवन है। छात्र पढ़ाई के साथ ही खेलकूद में भी रुचि रखते हैं, तो उनका सर्वागींण विकास होता है। जिस मकसद से हमने गांव में स्कूल खोला था आज वह मकसद पूरा हो रहा है। इसके साथ ही तीन छात्र यहां के जेईई मेंस में पहली बार में ही क्वालीफाई कर लिया है। बिना कोचिंग के ऋतिक मौर्या 97.6 प्रतिशत, विकास मौर्य 99.6प्रतिशत और सूरज शास्त्री ने 74.4 प्रतिशत अंक हासिल कर क्षेत्र का नाम बढ़ाया है।

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