KGMU में आए तीमारदारों को नहीं मिल रही छत, बिगड़ रही तबियत

Update: 2016-04-25 14:42 GMT

लखनऊ: एक तरफ जहां लखनऊ का पारा 42 डिग्री के पार है वहीं दूसरी तरफ किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में मरीजों को दिखाने आए तीमारदारों को चिलचिलाती धूप में सिर छिपाने के लिए छत नहीं मिल रही और तो और प्यास लगने पर शुद्ध पानी तक के लाले पड़े है। ऐसे में तीमारदारों की भी तबीयत बिगड़ती जा रही है।

पान के पीकों से फुल पानी के बेसिन

KGMU में रैन बसेरा के पास लगे पीने वाली पानी की टंकी के वॉश बेसिन को देखकर ऐसा लगता है कि मानो टंकी से पानी नहीं पान और गुटखे की पीके बहती हैं जिससे पूरा बेसिन लाल हो गया है। अब मरीजों के साथ आए उन तीमारदारों को वही पानी पीना होता है जिससे उनकी तबीयत भी खराब हो रही है।

मरीज के साथ उनके रिश्तेदारों की भी तबीयत खराब

-नाम ना छपने की शर्त पर बाराबंकी के रहने वाले एक तीमारदार ने बताया कि उसके भांजे को सांस की बीमारी थी।

-जिसका इलाज कराने वो अपने जीजा के साथ KGMU आए थे।

-यहां आने पर उनके जीजा को पानी से इंफेक्शन हो गया और अब यहीं पर उनका भी इलाज चल रहा है।

नहीं मिल रही सिर छुपाने को छत

-भीषण गर्मी और तेज गर्म हवाओं में तीमारदारों को KGMU परिसर की सड़कों पर ही अपना आशियाना बसाना पड़ रहा है।

-गर्मी में तेज धूप में बाहर सड़कों पर लेटे तीमारदारों की इससे तबीयत खराब हो रही है।

-सीतापुर से अपनी पत्नी का इलाज कराने आए रामसेवक ने बताया कि उसकी पत्नी को पथरी है जिसका ऑपरेशन होना है।

-रैन बसेरा में जगह नहीं है जिसके कारण वह बाहर सड़क के किनारे ही अपना बिस्तर लगाए हुए हैं।

 

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