Indian Railways: भारतीय रेलवे का मिशन रफ्तार, लखनऊ से कानपुर के बीच जल्द 160 की स्पीड से दौड़ेंगी ट्रेनें

Indian Railways: भारतीय रेलवे स्टेशनों को हाईटेक कर ट्रेनों की साफ सफाई और सुविधाएं बढ़ाने पर निरंतर कार्य कर रहा है। अब ट्रेनों की रफ्तार को और बढ़ाने के कवायद शुरू हो चुकी है।

Update:2022-06-06 18:48 IST

फोटो: लखनऊ मंडल के डीआरएम एसके सपरा

Lucknow: भारतीय रेलवे (Indian Railways) स्टेशनों को हाईटेक कर ट्रेनों की साफ सफाई और सुविधाएं बढ़ाने पर निरंतर कार्य कर रहा है। अब ट्रेनों की रफ्तार को और बढ़ाने के कवायद शुरू हो चुकी है। इसे मिशन रफ्तार (Mission Raftaar of Indian Railways) नाम दिया गया है। इसके तहत ट्रेनों की स्पीड 160 किलो मीटर प्रति घंटा (Speed ​​of trains 160 kmph) होगी। इसके लिए अभी जिन रूट पर कार्य शुरू किया गया है उसमें नई दिल्ली से हावड़ा, नई दिल्ली से मुंबई और लखनऊ से कानपुर रेलवे लाइन शामिल है। यह कार्य वर्ष 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है।

उत्तर रेलवे (Northern Railway) से लखनऊ मंडल के डीआरएम एसके सपरा ने बताया कि मिशन रफ्तार पर के तहत अभी तीन रूट पर कार्य तेजी से चल रहे हैं। इसके लाइन का 50 प्रतिशत और ओएचई का 25 फीसदी कार्य हो चुका है। सिग्नल का कार्य जल्द भी शुरू होने वाला है। कोच मेंटिनेंस (coach maintenance) के लिए लखनऊ में कार्य चल रहा है।

रफ्तार के लिए अलग से रेलवे लाइन की जरुरत नहीं- डीआरएम

डीआरएम ने बताया कि इसके लिए अलग से रेलवे लाइन की जरुरत नहीं होगी। जिन रूट पर अभी 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन चलनी है उसके ट्रैक को इसके हिसाब से तैयार किया जा रहा है। इन ट्रेनों में एलएचआई और वंदे भारत के कोच लगाए जाएंगे।

अभी मौजूदा ट्रैक पर अधिकतम स्पीड 130 किमी प्रति घंटे है, लेकिन वंदेभारत दिल्ली से प्रयागराज के बीच 104 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ती है। राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनें 90-95 किमी की गति हासिल करती हैं तो मालगाड़ियों की औसत गति 40-50 किमी है। इसी तरह दिल्ली से आगरा के बीच गतिमान एक्सप्रेस 160 तो भोपाल शताब्दी आगरा तक 150 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ती है।

समय की बचत होगी

पहले ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 110 थी। जिसे बाद में बढ़ाकर कुछ ट्रेनों की स्पीड 130 किलो/घंटा तक कर दी गई थी। लेकिन अब इसे और बढ़ाने का कार्य चल रहा है। जो दिसंबर 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके लिए भले ही अभी तक तीन रूट तय हुए हैं लेकिन इसके सफल संचालन होने के बाद अन्य पर भी कार्य शुरू होगा। इससे जहां यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में समय की बचत होगी वहीं रेलवे को भी आसानी आएगी।

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