Mission UP Election 2022: कैराना पलायन का हुआ ज़िक्र, तो विपक्ष बैकफुट पर
Mission UP Election 2022: गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कैराना में मुजफ्फरनगर दंगे के बाद कैराना से पलायन और रामपुर में कानून-व्यवस्था को लेकर विपक्ष पर हमला बोला था।
Mission UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में चुनावी (up vidhan sabha chunav 2022) सरगर्मी तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (mukhyamantri yogi adityanath) भी चुनावी अभियान पर निकल पड़े हैं। सोमवार को उन्होंने कैराना और रामपुर तथा मंगलवार को बदायूं और शाहजहांपुर में सभाओं को संबोधित कर पश्चिम (वेस्ट) यूपी की नब्ज पर हाथ रखा। अपने चुनावी एजेंडे को सेट किया। इसके तहत ही उन्होंने सोमवार को कैराना में अखिलेश सरकार (Akhilesh sarkar Kairana) के कार्यकाल में हुए पलायन का जिक्र कर विपक्ष की दुखती रग पर हाथ रखकर उसे बैकफुट पर ला दिया। मुख्यमंत्री के कैराना मूव से विपक्षी दलों की बोलती बंद हो गई है। फिलहाल विपक्ष खासकर सपा (yogi adityanath target akhilesh yadav) को इसका कोई जवाब नहीं सूझ रहा है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कैराना (yogi adityanath election campaign kairana) में मुजफ्फरनगर दंगे के बाद कैराना से पलायन और रामपुर में कानून-व्यवस्था को लेकर विपक्ष पर हमला( yogi adityanath ne vipaksh par hamla kiya) बोला था। वर्ष 2017 में कैराना का माहौल कैसा था, इसकी तुलना उन्होंने 2021 से की। यह भी कहा था कि कैराना में अब सब कुछ बदल गया है। बड़े बड़े अपराधी तथा माफिया के खिलाफ सख्त (yogi sarkar mafia ke khilaf action me) कार्रवाई हो रही है। अब किसी व्यापारी को वसूली व रंगदारी का ख्याल भी मन में नहीं लाना चाहिए। मुजफ्फरनगर जैसे दंगों की (muzaffarnagar danga) आशंका अब नहीं है। तो मंगलवार को मुख्यमंत्री ने सूबे में कराए गए विकास कार्यों का जिक्र किया। कहा, यूपी अब विकास के हर कार्य में अव्वल हैं। राज्य में बड़े कारोबारी निवेश कर रहे हैं। सूबे की कानून व्यवस्था बेहतर है तथा त्यौहार पर अब राज्य में कर्फ्यू नहीं लगता है। विपक्ष की विकास कार्यो में रूचि नहीं है।
सूबे के राजनीतिक विशेषज्ञ, पश्चिम उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हुई सभाओं को चुनाव प्रचार (yogi adityanath up election) के एजेंडे को तय करने वाला बता रहे हैं। कैराना, रामपुर, बदायूं और शाहजहांपुर की चुनावी सभाओं में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक-एक कदम नपा-तुला रहा है। उनकी एक-एक बात सुनियोजित थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभाओं पर गौर कीजिए तो पता चलता है कि वह अपनी सभाओं के जरिए सूबे की बेहतर कानून व्यवस्था और राज्य में हुए विकास को चुनाव प्रचार का एजेंडा (yogi adityanath chunav agenda) बना रहे हैं। अपने इस मिशन में वह सफल भी हो रहें हैं, कैराना में जिस तरह उत्साह दिखाते हुए लोगों ने उन्हें सुना, उससे यह साबित होता है। कैराना में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सियासी दांव से पूरी धार के साथ विरोधियों पर प्रहार किया। यहां उन्होंने मुजफ्फरनगर दंगे के बाद हुए पलायन को फिर मुददा बनाया। वर्ष 2017 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगे के चलते कैराना में पलायन बड़ा मुददा बना था। और यहां के तमाम व्यापारी पलायन कर गए थे। लोगों ने घर बेचकर पलायन कर लिया था। जिसका संज्ञान लेते हुए वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने 'कैराना को कश्मीर नहीं बनने देंगे'का ऐलान करते हुए कैराना सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य कुछ स्थानों से हिंदुओं के पलायन और उनके साथ हो रहे अन्याय को मुद्दा बनाया था। साथ ही भाजपा सरकार बनने पर पलायन करने वाले परिवारों को सम्मान सहित वापस लाकर बसाने के साथ ही ऐसा इंतजाम करने का वादा किया था कि भविष्य में कोई किसी को इसके लिए मजबूर न कर सके। उस समय विपक्ष ने बीजेपी पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया था। सोमवार को अब चुनाव की घोषणा से पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पलायन को राजनीतिक नहीं अस्मिता से जुड़ा मुद्दा बताया। उन्होंने कहा कि अब पलायन व्यापारी नहीं बदमाश कर रहे है। गोली व्यापारी को नहीं, अपराधियों और बदमाशों को लग रही है। यह सूबे की बेहतर कानून का सबूत है।
मंगलवार को बदायूं में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath Badaun) ने बीते साढ़े चार वर्षों में उत्तर प्रदेश में कराए गए विकास कार्यों का जिक्र किया। पूर्व की सरकारों में हर तीसरे दिन दंगे होने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब यूपी में करोंड़ों रुपए के निवेश प्रस्ताव आते हैं। यूपी अब विकास के हर कार्य में अव्वल आया है। जबकि विपक्ष की विकास कार्यों में रूचि नहीं है। कुल मिलाकर कैराना में पलायन व रामपुर में भू-माफिया और बदायूं में यूपी का विकास करने सरीखे जैसे शब्दों के सहारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो बिसात बिछाई है विपक्ष को अब इन्हीं मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमना पड़ेगा। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जिस तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया है, उसका कैराना, रामपुर, बदायूं और शाहजहांपुर के लोगों ने उसे पसंद किया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कैराना से हुए पलायन के मुददे को फिर उठाने से विपक्ष को शायद इसलिए ज्यादा परेशानी हो रही है क्योंकि इस मुददे पर बात उठने पर वह भी कठघरे में खड़े होंगे। पिछली सरकारें भी सवालों के घेरे में होंगी। मुख्यमंत्री को विपक्ष की इस उलझन को समझते हैं। इसलिए उन्होंने कैराना में हुए पलायन का तथा सूबे की बेहतर क़ानून -मुददा का मुददा चुनावी एजेंडे में सेट किया है। ये दोनों मुददे बीजेपी के जनाधार मजबूत करने वाले हैं इसलिए इन्हें अब चुनाव प्रचार के दौरान जम का उठाया जाएगा। यह अब तय हो गया है।
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