योगी सरकार में भ्रष्ट मंत्रियों की काली करतूत उजागर हो रही है:एमएलसी सुनील सिंह साजन
मंत्री स्वाती सिंह व प्रमुख सचिव वी. हेकाली झिमोमी के मामले ने पकड़ा तूल
लखनऊ। एमएलसी सुनील सिंह साजन ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेश में पहले बेसिक शिक्षा मंत्री का कारनामा सबके सामने आया जिसमें उन्होंने अपने भाई को गरीबों का हक मारकर नौकरी दिला दी और करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव खरीद ली यही नहीं इस मामले में कोई जांच भी नहीं बैठायी गयी। और अब भ्ररूटाचार का एक नया मामला सामने आ गया। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री स्वाति सिंह और उनकी प्रमुख सचिव के बीच में युद्ध जारी है, स्वाति सिंह के विभाग में 5000 करोड़ के मोबाइल खरीदे जाने हैं। कंपनी ने भ्रष्टाचार को लेकर पीएमओ तक में शिकायत की है। अब तो मंत्री स्वाति सिंह और प्रमुख सचिव में ही खींचतान चल रही है। मंत्री स्वाति सिंह टेंडर निरस्त करने का प्रेशर बना रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी आप क्यों नहीं मानते कि उत्तर प्रदेश में जाते जाते योगी सरकार भ्रष्टाचार के चरम पर हैं। योगी आदित्यनाथ इस बात को बताए क्यों उन्होंने अपने मंत्रियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करवाई ? उनको जेल कब भेजेंगे ? उनके घर कब गिराए जाएंगे? उनकी संपत्ति की कुर्की कब होगी?
पूरा मामला ये है कि महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह और विभाग की प्रमुख सचिव वी. हेकाली झिमोमी के बीच 1.25 लाख स्मार्ट फोन के टेंडर प्रक्रिया को लेकर विवाद शुरू हो गया है। मंत्री स्वाती सिंह ने विभाग की प्रमुख सचिव वी. हेकाली झिमोमी को पत्र लिखकर टेंडर निरस्त कर उसे फिर से अपलोड करने के निर्देश दिए थे। पर प्रमुख सचिव ने निर्देश नहीं माना। टेंडर से बाहर हुई एक कंपनी की शिकायत पर मंत्री द्वारा टेंडर रोकने को लेकर लिखे गए पत्र को दरकिनार कर टेंडर खोलने का मामला पीएमओ तक पहुंच गया है।
प्रदेश में पोषाहार वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन दिया जाना है वहीं पोषाहार वितरण, लाभार्थियों की संख्या व स्वास्थ्य आदि गतिविधियों का ब्योरा भी तैयार किया जाना है। बता दें कि पोषण मिशन के अन्तर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए स्मार्ट फोन खरीदने के टेंडर का मामला प्रधानमंत्री कार्यालय तक जा पहुंचा है। और मामले ने तूल पकड़ ली। पोषण मिशन के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए खरीदे जा रहे स्मार्ट फोन के लिए कराए जा रहे टेंडर में अनियमितता की शिकायत को लेकर विभागीय मंत्री स्वाति सिंह व प्रमुख सचिव आमने-सामने आ गईं हैं। टेंडर से बाहर हुई एक कंपनी की शिकायत पर टेंडर रोकने को लेकर लिखे गए पत्र को दरकिनार कर टेंडर खोलने का मामला प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया है। शासन द्वारा टेंडर निरस्त न करके फाइनेंसियल बिड खोलने से नाराज मंत्री भी हर हाल में इस प्रक्रिया को रद्द कराने का रास्ता ढूंढ रही हैं। ऐसे में इस विवाद के अभी और आगे बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं।