मनरेगा बनी मजदूरों के लिए संजीवनी, नए कार्यों को भी किया गया शामिल
ग्राम पंचायतों को निर्देश दिया है कि काम करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और कम से कम 2 मीटर की दूरी बनाए रखकर काम कराया जाए।
लखनऊ: अनलॉक होते ही देश में विकास की एक नई कहानी लिखा जाना शुरु हो गया है। सरकार ने 20 लाख करोड़ का जो आर्थिक पैकेज दिया है उससे गावं से लेकर शहर तक, और नीचे से लेकर ऊपर तक चारों और विकास की एक नई उम्मीद जगी है। मनरेगा के तहत जहां एक ओर लोगों को रोज़गार मिल रहा है वहीं दूसरी ओर प्रगति को नित नए आयाम मिल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में मनरेगा में कई नए कार्यों का भी समावेश किया गया है।
मजदूरों के लिए संजीवनी बनी मनरेगा
बात अगर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के ग्राम सभा बलुआ विकासखंड बड़ागांव की करें तो रोजगार सेवक आनंद मिश्रा के अनुसार ग्राम सभा की ज़मीन का समतलीकरण 200 श्रमिकों की मदद से किया जा रहा है। प्रधान उर्मिला देवी ने बताया कि ग्राम पंचायतों को निर्देश दिया है कि काम करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और कम से कम 2 मीटर की दूरी बनाए रखकर काम कराया जाए।
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जब लॉकडाउन लागू हुआ था तब सबसे ज्यादा दिक्कत का सामना मजदूरी करने वाले लोगों को हुई। ऐसे में उनके लिए संजीवनी बनकर 'मनरेगा' सामने आई है। शासन के आदेशों के बाद अलग-अलग पंचायतों में मनरेगा के तहत काम शुरू हो गया है। जिनके पास जॉब कार्ड नहीं हैं, तो उनका जॉब कार्ड तत्काल बनाया जा रहा है। वहीं उनकी मांग पर उनको काम दिया जा रहा है।
सभी किसानों ने प्रधानमंत्री का जताया आभार
मजदूरों को गर्मी के कारण ये सहूलियत दी गई है कि वो चाहें तो दो हिस्सों में भी काम कर सकते हैं या सुबह लगातार भी काम कर सकते हैं। सभी को सख्त निर्देश हैं कि वह दूरी बनाकर कार्य करने के साथ ही साथ मास्क, गमछा आदि निर्देशों का पालन करें। वहीं हरेहूं ग्राम में खेतों के समतलीकरण का कार्य करने में लगे राकेश कुमार रामबली, जगजीवन ,
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संजीत, विजय शंकर ,बृजभान ,बाबूलाल, भैयालाल, विकास ,सुरेंद्र और राजेश ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हम लोगों को अपने गांव में ही काम दे दिया है। जिससे उन्हें काफी सहूलियत हो रही है। सभी किसानों ने केंद्र सरकार की इस पहल का दिल खोलकर स्वागत किया है।