डीजल-पेट्रोल पर ''जजिया टैक्स'' लगा रही हैं मोदी सरकार: कांग्रेस नेता

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से श्वेत पत्र जारी कर बेरोजगार नौजवानों की संख्या और उनकी सरकार में नौजवानों को दिए गए रोजगार की संख्या बताने की मांग की है।

Update:2020-06-28 16:53 IST

लखनऊ: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से श्वेत पत्र जारी कर बेरोजगार नौजवानों की संख्या और उनकी सरकार में नौजवानों को दिए गए रोजगार की संख्या बताने की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने डीजल और पेट्रोल की मूल्यवृद्धि के पीछे मोदी सरकार द्वारा की गई टैक्स वृद्धि बताते हुए कहा है कि ये टैक्स तो क्रूर और बर्बर मुगल शासक व अंग्रेज लगाया करते थे, मोदी क्यों लगा रहे है, इसे तत्काल वापस लिया जाए।

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रोजगार पर मोदी सरकार पर किया हमला

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने रविवार को कहा कि यह रहस्य समझ में नहीं आ रहा है कि मोदी और योगी ''करोड़ों'' में रोजगार देने का दावा करते हैं लेकिन ''राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग'' का आंकड़ा कुछ और ही बयान करता है। उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी की घोषणायें फर्जी हैं और वह देश के नौजवानों को धोखा दे रहे हैं।

इसके साथ ही उन्होंने पेट्रोल-डीजल मूल्य वृद्धि पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज दुनिया की बाजार में कच्चे तेल की कीमत लगभग 39 डॉलर प्रति बैरल है। एक बैरल में 159 लीटर होते हैं इस हिसाब से एक लीटर ''कच्चा तेल'' लगभग 18.00 रुपये का होगा। अब अगर मोदी सरकार इस पर ''दोगुना कर'' (डबल टैक्स) भी लगाती है तो भी डीजल लगभग 36 रुपये तथा पेट्रोल लगभग 40 रुपये प्रति लीटर बेंचा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल में इक्साइज ड््यूटी 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल में 3.56 रुपये प्रति लीटर थी लेकिन मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल में इक्साइज डयूटी (उत्पाद शुल्क) और टैक्स मिलाकर क्रमशः पेट्रोल में 32.98 रुपये और डीजल में 10 गुना वृृद्धि करके 31.83 रुपये कर दिया है। आज देश में डीजल-पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं, और 80 रुपये को पार कर गये हैं। लगभग 18 रुपये प्रति लीटर के कच्चे तेल को 80 रुपये में बेचना, देश की जनता के साथ जुल्म और ''जजिया टैक्स'' की तरह है ।

कच्चे तेल की वजह से नहीं बढ़ा पेट्रोल-डीजल का रेट

तिवारी ने कहा कि देश में डीजल-पेट्रोल के दाम में वृृद्धि दुनिया में ''कच्चे तेल'' की कीमत की वजह से नहीं हो रही, बल्कि मोदी सरकार द्वारा लगाये गये टैक्स के कारण बढ़ोत्तरी हो रही हैं। कोरोना की मार झेल रही जनता पर जुल्म है ओर खुली लूट है। मोदी सरकार आम जनता के जेब पर डाका डाल रही है और कुछ चुनिन्दा पंूजीपतियों की तिजोरी भर रही है, यह जनता के साथ विश्वासघात और धोखा है ।

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उन्होंने बताया कि पंडित जवाहर लाल नेहरू के समय में यह ''पॉलिसी'' बनी थी कि डीजल की कीमत हमेशा कम रखी जायेगी। क्योंकि ये पम्पिंग सेट (सिंचाई के इंजन), ट्रैक्टर, ट्रकों और बसों आदि में प्रयोग किया जाता है। इस ''पॉलिसी'' का पालन देश के प्रधानमंत्री रहे स्व. लाल बहादुर शास्त्री, इन्दिरा गांधी, अटल बिहारी बाजपेयी और डा. मनमोहन सिंह सहित सभी प्रधानमंत्रियों ने किया था।

डीजल की कीमत बढ़ने से मालभाड़े की ढुलाई बढ़ जायेगी जिससे सामानों की कीमत बढ़ जायेगी, कृषि कार्य की लागत बढ़ जायेगी, बसों के किराये बढ़ जायेंगे, सिंचाई महंगी हो जायेगी और इसकी सीधी मार आम जनता पर पड़ेगी। ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स ने भी इसके स्पष्ट संकेत दे दिये हैं। ऐसा कोई कारण नहीं है कि जब दुनिया में कच्चे तेल कीमत लगभग 39 डालर प्रति बैरल है और कच्चा तेल सस्ता है तो भारत में डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ाये जाए।

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