मोहन भागवत बोले- हिंदुओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने से रोकने का नहीं है कोई कानून
आगरा में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ शनिवार को एक सम्मेलन का आयोजन किया। जिसमें आगरा, अलीगढ और बरेली मंडल के महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के टीचर शामिल हुए। इस सम्मेलन को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने संबोधित किया। संबोधन में संघ प्रमुख ने कहा की संघ कभी शिक्षकों के लिए आंदोलन की बात नहीं करता। संघ स्वयंसेवक तैयार करता है। हिंदुओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने से रोकने के लिए भी कोई कानून नहीं बना है। अपने परिवार और देश हित की सोचते हुए यह व्यक्तिगत निर्णय होता है।
आगरा: आगरा में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ शनिवार को एक सम्मेलन का आयोजन किया। जिसमें आगरा, अलीगढ और बरेली मंडल के महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के टीचर शामिल हुए। इस सम्मेलन को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने संबोधित किया। संबोधन में संघ प्रमुख ने कहा की संघ कभी शिक्षकों के लिए आंदोलन की बात नहीं करता। संघ स्वयंसेवक तैयार करता है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने से रोकने के लिए कोई कानून नहीं बना है। अपने परिवार और देश हित की सोचते हुए यह व्यक्तिगत निर्णय होता है।
हिंदुओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने से रोकने को नहीं है कोई कानून
मेधावी छात्रों को देश में मुसलमानों की बढ़ती संख्या और आरक्षण नीतियों के कारण नौकरी के लिए दौड़ में बाहर होना पड़ रहा है इस सवाल के जवाब में आरएसएस प्रमुख मोहन भगवत ने कहा कि यह सवाल राष्ट्र के पुनर्निर्माण में शिक्षकों की भूमिका पर चर्चा विषय से संबंधित नहीं है इसलिए इसका जवाब नहीं दे सकते। हालांकि मोहन भगवत ने कहा कि हिंदुओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने से रोकने के लिए भी कोई कानून नहीं बना है। अपने परिवार और देश हित की सोचते हुए यह एक व्यक्तिगत निर्णय होता है।
शिक्षा मंत्री को लिखें पत्र
सम्मेलन में शिक्षकों द्वारा पूछे गए सवालों के बारे में मोहन भागवत ने कहा कि वह उनकी बात को केंद्र सरकार तक पहुंचा देंगे लेकिन अच्छा हो आप अपने सवालों को पत्र लिखकर शिक्षा मंत्री तक भेजें ।
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आरएसएस है स्वतंत्र
बीजेपी की गतिविधियों से संघ को दूर बताने की कोशिश में उन्होंने कहा कि आप उम्मीद करते हैं कि मैं सब कुछ केंद्र में बैठे लोगों से कहूं और वो उसका अक्षरश: पालन करें क्योंकि वे संघ से जुड़े रहे हैं लेकिन यह हमेशा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि आरएसएस स्वतंत्र है और अपने दम पर काम करता है।
राष्ट्रीय नेता ला सकते हैं बदलाव
मोहन भगवत ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि लोग हमेशा अपनी परेशानियों के लिए व्यवस्था को दोषी ठहराते हैं। जबकि उन्हें व्यवस्था बदलने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नेता इस व्यवस्था को बदल सकने में मुख्य भूमिका निभा सकते हैं।
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सस्ती और गुणात्मक शिक्षा की जरुरत
संघ प्रमुख मोहन भगवत ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में सभी के लिए गुणात्मक और शिक्षा सस्ती होनी चाहिए। हमें सस्ती कीमत पर उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के साथ और अधिक सरकारी स्कूलों की जरूरत है ताकि एक आम आदमी का बच्चा भी शिक्षा प्राप्त कर सके।