Prayagraj: प्रयागराज में भी मॉनसून ने दी दस्तक तो किसानों के खिल उठे चेहरे, खेतों में धान रोपाई का काम हुआ शुरू
Prayagraj News: संगम शहर प्रयागराज में भी बारिश होने से एक तरफ जहां आम जनता ने राहत की सांस ली है तो वहीं अब किसान भी बेहद खुश हैं, खेतों में धान रोपाई और जुड़ाई का काम शुरू जोरों से शुरू हो गया है।
Prayagraj News: उत्तर भारत के अधिकतर जिलों में मानसून ने दस्तक दे दी है, ऐसे में संगम शहर प्रयागराज में भी बारिश होने से एक तरफ जहां आम जनता ने राहत की सांस ली है तो वहीं अब किसान भी बेहद खुश हैं। खेतों में धान रोपाई का काम शुरू हो गया है। जो खेत कुछ दिन पहले बंजर पड़े थे आज उसमें एक तरफ जहां ट्रैक्टर चलते हुए नजर आ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ महिलाएं या कहें कि किसान खेतों में धान की रोपाई करते हुए दिखाई दे रही हैं। आपको बता दें इस साल मॉनसून ने देर से दस्तक दी है जिसकी वजह से किसान बेहद परेशान थे।
कुछ दिन पहले ही किसानों ने खेतों में भगवान की मूर्ति रख कर के पूजा पाठ भी किया था और इंद्र देवता को मनाने में लगे हुए थे कि जल्द से जल्द मानसून हो जिसके बाद अब मानसून ने दस्तक दे दी है खेती किसानी के साथ-साथ सावन और भोले शंकर के ऊपर के गीत भी गाए जा रहे हैं। किसानों का मानना है कि अबकी बार देर से मानसून आया है तो बारिश भी देर तक होगी। इस साल मार्च महीने से पड़ रही जबरदस्त गर्मी से पूरा उत्तर भारत काफी परेशान था और मॉनसून का देर से आना लोगों के लिए चिंता का विषय भी बना हुआ था। ऐसे में प्रयागराज में तय समय से बारिश ना होने की वजह से किसान अपने खेतों में रोपाई नहीं कर पा रहा थे।
हालाकि अब बारिश भी हुई तो २० दिन लेट हुई है। किसान अब खुश है और पिछले चार दिनों में प्रयागराज में हुई बारिश की वजह से किसान अपनी खेती की ओर ध्यान देने लगे हैं। अपने खेतों में धान की रोपाई करना शुरू कर दिया है। जहाँ एक ओर किसान के खेत सूखे के मार झेल रहे थे। अब एक बार फिर से इनके खेत में हरियाली नजर आने लगी है। प्रयागराज के गांव के किसान अपने अपने खेतों में गोड़ाई से लेकर धान लगाने शुरू कर दिए।
किसानों को जिस बारिश का इंतजार था वह बारिश प्रयागराज में होना शुरू होगा। हालाकि किसानों के मुताबिक बारिश २० दिन पहले हुई होती है कई चीजों को किसान खेत में लगता और अब तक उग आता। प्रयागराज के कई गांव में सावन के गीत भी गाए जा रहे हैं और भोले शंकर की आराधना की जा रही है। गांव के किसान अब खुश है और इंद्र देव का धन्यवाद दे रहे हैं।