MP-MLA Court : स्वामी प्रसाद मौर्य और उनकी बेटी संघमित्रा की बढ़ीं मुश्किलें, गिरफ्तारी वारंट जारी

यूपी के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या और उनकी पुत्री बदायूं से मौजूदा भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या सहित अन्य तीन के विरुद्ध लखनऊ के MP-MLA कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया।

Written By :  Rajnish Verma
Update: 2024-04-04 15:20 GMT

MP-MLA Court : लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, लखनऊ के MP-MLA कोर्ट ने पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्या और उनकी पुत्री बदायूं से मौजूदा भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या सहित अन्य तीन के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 16 अप्रैल को ही।

अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय, एमपी-एमएलए अंबरीश कुमार श्रीवास्तव की कोर्ट ने लखनऊ निवासी पत्रकार दीपक कुमार स्वर्णकार और बदायूं से भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या से सम्बन्धित विवादित प्रकरण में तीन बार समन और दो बार जमानती वारंट जारी होने के बाद भी कोर्ट में हाजिर न होने के कारण 03 अप्रैल, 2024 को सभी आरोपियों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया है।

पहले भी जारी किया गया था वारंट

बता दें कि नवम्बर 2023 में कोर्ट ने इस मामले में लेकर समन जारी करते हुए 6 जनवरी, 2024 को कोर्ट में पेश होने के लिए आदेशित किया था, जिस पर आरोपियों के हाजिर न होने पर कोर्ट की ओर से दो अन्य तिथि पर समन सहित अन्य दो बार जमानती वारंट भी जारी होने के बाद भी किसी भी आरोपी के न पेश होने पर एमपी-एमएलए कोर्ट के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अंबरीश कुमार श्रीवास्तव ने स्वामी प्रसाद मौर्या, संघमित्रा मौर्या, नीरज तिवारी, सूर्य प्रकाश शुक्ला और रितिक सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए 16 अप्रैल 2024 की अगली तारीख को नियत किया है।

स्वामी प्रसाद सहित छह लोगों के खिलाफ मुकदमा

लखनऊ निवासी पेशे से पत्रकार और वादी दीपक कुमार स्वर्णकार ने 2021 में अपील दाखिल की थी, जिसे एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनवाई के बाद परिवाद के रूप में दर्ज किया था। दरअसल ये पूरा मामला पीड़ित के धोखाधड़ी, अपराधिक षड़यंत्र, जानलेवा मारपीट और धमकाने का है। लखनऊ निवासी दीपक कुमार स्वर्णकार ने संघमित्रा मौर्य, स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 6 लोगों के खिलाफ अपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, मारपीट और धमकाने का आरोप लगाते हुए परिवाद दाखिल किया था, जिसमें एमपी-एमएलए कोर्ट ने नियत तिथि पर सारे आरोपियों को तलब किया था, लेकिन कोई भी आरोपी कोर्ट के सामने पेश नहीं हुआ।

संघमित्रा मौर्य ने 2019 में की थी शादी

दीपक ने साक्ष्य के साथ जो अर्जी दाखिल की थी, उसमें बताया गया था कि लोकसभा चुनाव के पूर्व 2019 में ही उनकी शादी संघमित्रा मौर्या से हुई थी। दीपक कुमार स्वर्णकार ने कोर्ट में दिए अपने अर्जी में यह भी बताया है कि संघमित्रा मौर्या ने चुनाव आयोग में जो हलफ़नामा दिया है उसमें खुद को उन्होंने अविवाहित दिखाया है। संघमित्रा मौर्या पर धोखाधड़ी का आरोप के बाद साक्ष्य के तौर पर दीपक कुमार स्वर्णकार ने अदालत को हलफनामें की प्रमाणित प्रति भी पेश की है, जिनमें संघमित्रा मौर्या ने चुनाव के दौरान दिये जाने वाले शपथ पत्र में अपने आप को अविवाहित दिखाया था।

जानलेवा हमला कराने का आरोप

स्वामी प्रसाद मौर्या और उनके पूरे परिवार की जानकारी में दीपक और संघमित्रा तीन साल तक लिव-इन में रहने के बाद वर्ष 2019 में शादी किए थे। बेटी के भाजपा सांसद बनने के पहले तत्कालीन कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या खुद इस रिश्ते को लेकर राजी थे और शादी को लेकर अपनी सहमति दे चुके थे, लेकिन संघमित्रा मौर्या के सांसद बनने के बाद खुद संघमित्रा मौर्या और उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्या, अपने ही दामाद दीपक कुमार स्वर्णकार को पूरी तरह निपटाने में लग गये और उन पर अपने गुर्गे नीरज तिवारी, सूर्य प्रकाश शुक्ला, रितिक सिंह सहित अन्य गुंडों के माध्यम से दीपक कुमार स्वर्णकार पर कुशीनगर से लेकर लखनऊ तक कई बार जानलेवा हमला कराया। वादी की तरफ से उनके अधिवक्ता द्वय रोहित कुमार त्रिपाठी और राजेश कुमार तिवारी सहित अन्य अधिवक्ता मौजूद रहे। 

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