Meerut News: बीजेपी सांसद की लोकसभा में मांग, तिलक पुस्तकालय हो राष्ट्रीय धरोहर घोषित, इतिहास चौंका देगा

Meerut News: सांसद ने कहा तिलक पुस्तकालय को ऐतिहासिक धरोहर घोषित किया जाए।

Report :  Sushil Kumar
Published By :  Ragini Sinha
Update:2022-04-01 16:30 IST

सांसद राजेन्द्र अग्रवाल (Social media)

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने आज लोकसभा में नियम 377 के अंतर्गत मेरठ के तिलक पुस्तकालय को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किये जाने की मांग की। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने लोकसभा में कहा कि मेरठ पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक व प्रमुख नगर है। इस नगर में प्रसिद्द तिलक पुस्तकालय एवं वाचनालय है, जिसकी स्थापना 4 नवंबर 1886 ई. को हुई थी।

स्वाभाविक है यह पुस्तकालय महानगर के प्राचीनतम पुस्तकालयों में से एक है। इस पुस्तकालय में मनुष्य के जीवन से जुड़े हर पहलू से संबंधित विषय पर पुस्तके- हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू तथा फारसी आदि भाषाओं में है। हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू तथा फारसी की लगभग 44900 पुस्तके उपलब्ध है।

'पुस्तकालय को ऐतिहासिक धरोहर घोषित किया जाए'

 भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि यूँ तो मेरठ में आने वाले प्रत्येक महापुरुष, साहित्यकार, राजनीतिक, हस्तियों ने पुस्तकालय में पदार्पण कर इसे गौरव प्रदान किया है, लेकिन उनसब में विश्वभर में भारतीय संस्कृति का डंका बजाने वाले स्वामी विवेकानंद का नाम सर्वाधिक उल्लेखनीय है। स्वामी जी सितंबर 1890 से जनवरी 1891 तक मेरठ के सम्मानीय अतिथि रहे। इस अवधि में उन्होंने पुस्तकालय में बैठकर महीनों धर्म, दर्शन और योग के ग्रंथों का अध्ययन मनन किया था। उक्त ग्रंथों के हाशियों पर स्वामी जी ने अपने हस्ताक्षर व टिप्पणियां भी अंकित की थी।

सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने सभापति के माध्यम से सरकार से अनुरोध किया कि हजारो दुर्लभ पुस्तकों से सज्जित तथा ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण इस पुस्तकालय को ऐतिहासिक धरोहर घोषित किया जाए।

कई मुद्दे उठा चुके हैं सांसद राजेन्द्र अग्रवाल

 सांसद राजेन्द्र अग्रवाल के प्रतिनिधि के अनुसार, इससे पहले भी सांसद राजेन्द्र अग्रवाल द्वारा मेरठ से जुड़ी जनहित की समस्याओं को लगातार लोकसभा में उठाया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान मेरठ छावनी की सड़कों की मरम्मत का मुद्दा उठाया था। जिसमें उन्होंने सरकार का ध्यान मेरठ के इस छावनी क्षेत्र की खस्ताहाल सड़कों के अलावा क्षेत्र की पेयजल एवं सीवर की दयनीय व्यवस्था की तरफ आर्कषित किया था।

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