भाजपा की बागी सांसद ने कहा-यूपी में दलित, पिछड़ों के साथ बड़ा षड़यंत्र

आरक्षण सिर्फ शैक्षणिक व सामाजिक पिछड़ापन के आधार पर था। मोदी सरकार सवर्ण समाज को आर्थिक आधार पर आरक्षण देकर धीरे-धीरे जातिगत आधार पर प्राप्त दलितों व पिछड़े वर्ग के आरक्षण के साथ धोखा करना चाहती है। यही आरएसएस की मंशा भी है।

Update: 2019-01-11 16:54 GMT

लखनऊ: भाजपा की बागी सांसद सावित्री बाई फुले ने सवर्ण वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण पर मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि अपर कास्ट को आरक्षण देना संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।

आरक्षण सिर्फ शैक्षणिक व सामाजिक पिछड़ापन के आधार पर था। मोदी सरकार सवर्ण समाज को आर्थिक आधार पर आरक्षण देकर धीरे-धीरे जातिगत आधार पर प्राप्त दलितों व पिछड़े वर्ग के आरक्षण के साथ धोखा करना चाहती है। यही आरएसएस की मंशा भी है।

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फुले ने कहा कि यूपी में दलितों व पिछड़ों के साथ एक बड़ा षड़यंत्र किया जा रहा है। जिसमें आरक्षण को पिछड़े—अतिपिछड़े व दलित-अतिदलित में बांट कर समाज में फूट डालने का षड़यंत्र किया जा रहा है। मोदी सरकार वास्तव में न्याय करना चाहती तो निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की व्यवस्था कर देती क्योंकि अधिकतर सरकारी विभागों को प्राइवेट सेक्टर के हाथ में दे दिया गया है। उन्होंने मांग की है कि सवर्ण समाज को 10 फीसदी आरक्षण प्राइवेट सेक्टर और ओबीसी व दलित समाज को भी निजी क्षेत्र में आरक्षण दिया जाए।

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उन्होंने कहा कि अपरकास्ट को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की बहुूत जल्दी थी। पर कई महीनों से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद 117वां संविधान संशोधन विधेयक जिसमें अनूसूचित जाति, जनजाति के प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था है। उसे क्यों नहीं पास किया जा रहा है? जातीय जनगणना की मांग करते हुए फुले ने कहा कि देश में तत्काल जातीय जनगणना कराई जाए। जातीय संख्या के आधार पर आरक्षण में सभी को भागीदारी दी जाए। न्यायिक सेवा आयोग का गठन कर न्यायिक व्यवस्था में भी आरक्षण की व्यवस्था की जाए।

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