Mukhtar Ansari: गैंगस्टर एक्ट में दर्ज हुआ माफिया मुख्तार अंसारी का बयान, इन दो मामलों में हुई पेशी, अगली सुनवाई 11 को

Mukhtar Ansari News: मुख्तार अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए। पीठासीन अधिकारी ने बताया कि दोनों मामले में वह नामजद आरोपी नहीं है। इस केस में जो भी गवाह है, उनमें से किसी ने उनके खिलाफ गवाही नहीं दी है।

Report :  aman
Update: 2023-10-07 16:42 GMT

Mukhtar Ansari (Social media)

Mukhtar Ansari News: उत्तर प्रदेश के चर्चित माफिया और बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari News) पर करंडा थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में शनिवार (07 अक्टूबर) को सुनवाई हुई। एमपी एमएलए कोर्ट, गाजीपुर (MP MLA Court, Ghazipur) में सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश हुए। मुख़्तार ने इस मामले में अपना अतिरिक्त कथन पीठासीन अधिकारी को दर्ज कराया। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 अक्टूबर की तारीख मुक़र्रर की है।

किन मामलों में हुई पेशी?

वहीं, मुख्तार अंसारी ने बयान में बताया कि दोनों ही मामलों में वो नामजद नहीं हैं। घटना के वक्त से पहले ही गाजीपुर जिला जेल (Ghazipur District Jail) में निरुद्ध हैं। अंसारी के वकील लियाकत अली ने बताया कि, 'साल 2010 में करंडा थाने में कपिल देव सिंह हत्याकांड (Kapildev Singh murder case) और मीर हसन पर जानलेवा हमला मामले में इन्हें अभियुक्त बनाया गया है। गैंग चार्ट के अनुसार दर्ज गैंगस्टर एक्ट (Gangster Act) मामले में मुख्तार अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश हुए। जहां अपर सत्र न्यायाधीश ने उनके अतिरिक्त कथन दर्ज किया।

अपर सत्र न्यायाधीश ने ये पूछा

पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी से अपर सत्र न्यायाधीश (ASJ) ने पूछा, गैंग चार्ट में जो दोनों मामले हैं उसमें वो बरी हो चुके हैं। जिसमें 307 के मामले में 120- बी में नामजद इस मामले में गवाह का बयान दर्ज हुआ। जिस पर आज मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) का अतिरिक्त कथन दर्ज हुआ।

'जब घटना हुई, मैं पहले से जेल में था'

मुख्तार अंसारी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अपनी बात अदालत के सामने रखी। अंसारी ने पीठासीन अधिकारी को बताया, 'दोनों ही मामले में वो नामजद आरोपी नहीं हैं। उनके अनुसार, इस मामले में जो भी गवाह है, उनमें से किसी ने उनके खिलाफ गवाही भी नहीं दी है। दोनों मामले जिस वक्त के हैं, तब घटना से पहले से ही वो गाजीपुर जिला जेल में बंद थे। मुख्तार के इस अतिरिक्त कथन को दर्ज करने के बाद इस मामले में अगली तारीख 11 अक्टूबर मुकर्रर की गई।

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