Disproportionate Assets Case: सुप्रीम कोर्ट से मुलायम परिवार को बड़ा झटका, बंद नहीं होगा आय से अधिक संपत्ति का केस
Disproportionate Assets Case: राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल अदालत में पेश हुए और इस मामले को बंद करने की गुहार लगाई, जिसे शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया।
Disproportionate Assets Case: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चल रहा आय से अधिक संपत्ति का केस सुप्रीम कोर्ट ने बंद करने से इनकार कर दिया है। इस मामले में उनके परिवार के विरूद्ध भी सीबीआई जांच चल रही है। सोमवार को परिवार की तरफ से राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल अदालत में पेश हुए और इस मामले को बंद करने की गुहार लगाई, जिसे शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी में करेगा। उस दौरान अदालत ये तय करेगी कि सीबीआई के रिपोर्ट के आधार पर केस जारी रखा जाए या नहीं। दरअसल, कल सिब्बल ने कोर्ट में साल 2019 में सीबीआई द्वारा दायर हलफनामे का जिक्र करते हुए कहा कि जांच एजेंसी केस की जांच को बंद कर चुकी है क्योंकि मामले में अब कुछ नहीं बचा है।
याचिकाकर्ता ने किया विरोध
कपिल सिब्बल के इस दलील को याचिकाकर्ता और कांग्रेस नेता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने जोरदार विरोध किया। चतुर्वेदी के वकील ने कहा, ऐसे क्लोजर रिपोर्ट देना सीबीआई के मैनुअल के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि बगैर केंद्रीय सर्तकता आयुक्त को बताए क्लोजर रिपोर्ट दाखिल नहीं किया जा सकता।
जनवरी में होगी सुनवाई
याचिकाकर्ता की दलील सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचुड़ ने कहा कि मुलायम सिंह यादव दुनिया में नहीं हैं, मगर परिवार के दूसरे सदस्यों पर तो मामला कायम है। इसलिए हम सर्दियों की छुट्टी के बाद जनवरी में मामले की सुनवाई करेंगे।
सीबीआई ने क्या कहा था क्लोजर रिपोर्ट में
अप्रैल 2019 में सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति मामले में दिवंगत मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उनके खिलाफ इस मामले में आरोपों को साबित नहीं किया जा सका है।
लिहाजा एजेंसी ने 7 अगस्त 2013 को शुरूआती जांच बंद कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट के केस जारी रहने के निर्णय पर फिलहाल यादव परिवार और सपा की ओर से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आई है।