Mulayam Singh Yadav Death: मुलायम सिंह यादव की नहीं होगी तेरहवीं, ये है वजह?

मुलायम सिंह यादव परिवार में परंपरा के मुताबिक नेताजी की तेरहवीं नहीं होगी। सैफई में तेरहवीं की परंपरा नहीं है। रिवाज के मुताबिक 11 अक्टूबर जिस दिन अंत्येष्टि हुई उसके 11वें दिन शुद्धीकरण का कार्यक्रम होगा।

Update: 2022-10-12 11:08 GMT

Mulayam Singh Yadav Death। (Social Media)

Mulayam Singh Yadav Death: मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मंगलवार शाम उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. आज (बुधवार) को शुद्धीकरण का कार्यक्रम हुआ. इसमें परिवार के सभी सदस्य मौजूद रहे, शुद्धीकरण कार्यक्रम में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav), रामगोपाल (Ramgopal), शिवपाल (Shivpal) समेत सभी परिवार के सदस्यों ने सिर से बाल उतरवाकर शुद्धीकरण किया।

इसके बाद अखिलेश, रामगोपाल के साथ पैदल ही वहां से अपनी कोठी लौटे. इस दौरान गांव और उसके आसपास के ग्रामीणों के साथ सपा और दूसरे दलों के नेता की भारी भीड़ वहां मौजूद थी। अखिलेश यादव ने सभी का अभिवादन स्वीकार किया। इससे पहले आज सुबह अखिलेश यादव अंतिम संस्कार वाली जगह फिर से पहुंचे और पिता की अस्थियों को एकत्रित किया. वहां से उन्होंने एक भावुक ट्वीट कर पिता को याद भी किया था।

मुलायम सिंह यादव परिवार में परंपरा के मुताबिक नहीं होगी तेरहवीं

वहीं, सैफई और मुलायम सिंह यादव परिवार में परंपरा के मुताबिक नेताजी की तेरहवीं नहीं होगी। सैफई में तेरहवीं की परंपरा नहीं है। रिवाज के मुताबिक 11 अक्टूबर जिस दिन अंत्येष्टि हुई उसके 11वें दिन शुद्धीकरण का कार्यक्रम होगा। इसमें अखिलेश यादव पूरी रस्म अदायगी करेंगे और परिवार के दूसरे सदस्य भी शुद्धिकरण के लिए हवन करेंगे। इस कार्यक्रम में नेताजी के चाहने वाले कार्यकर्ता, समर्थक भी शामिल हो सकते हैं। शुद्धिकरण कार्यक्रम के बाद सभी लोग बैठ कर नाश्ता पानी करते हैं और फिर घर को जाते हैं। सैफई के लोगों का मानना है कि जब कोई बड़ा आदमी तेरहवीं करेगा तो उसे देखकर छोटे भी करेंगे, जिस पर आर्थिक बोझ पड़ेगा। इसी को लेकर यहां पर 13वीं नहीं होती और शुद्धीकरण के लिए हवन पूजन होता है।

अंतिम संस्कार के 13वें दिन पड़ती है तेरहवीं

गौरतलब है की सनातन धर्म में हर क्षेत्र में अलग-अलग रीति रिवाज चलते हैं। सैफई में भी ऐसी मान्यता है कि अगर 13वीं होगी तो इसमें पैसा ज्यादा खर्च होगा। इसलिए वहां शुद्धिकरण कार्यक्रम होता है। वहीं दूसरे क्षेत्रों में अंतिम संस्कार के बाद 13 दिन 13 ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है। उसके बाद भंडारे जैसा आयोजन होता है, जिसमें गांव, समाज और मित्रो को आमंत्रित किया जाता है सभी भोज में शामिल होते हैं।


मौलाना यासूब अब्बास ने की अखिलेश यादव से मुलाकात

वहीं, मुलायम सिंह यादव के निधन का शोक व्यक्त करने ऑल इंडिया शिया पर्सनल ला बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास सैफई पहुंचे और अखिलेश यादव से मुलाक़ात की। मुलायम सिंह के निधन पर गम का इजहार किया। अखिलेश यादव को धैर्य व साहस बनाए रखने की दुआ दी। 

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