Sonbhadra News: नपा को नगर क्षेत्र में टूटी सड़कों-नालियों की नहीं फिक्र, लोगों ने उठाए सवाल

Sonbhadra News: सोनभद्र जिले की इकलौती नगरपालिका नगर क्षेत्र के बाहर ग्राम पंचायत की एरिया में कार्य के लिए टेंडर निकालने को लेकर चर्चा में है। एक तरफ जहां नगर में कई सड़कें-नालियां टूटी पड़ी हैं।

Update: 2022-07-29 12:44 GMT

सोनभद्र: नगरपालिका को नगर क्षेत्र में टूटी सड़कों-नालियों की फिक्र नहीं

Sonbhadra News: सोनभद्र जिले की इकलौती नगरपालिका नगर क्षेत्र (municipal town area) के बाहर ग्राम पंचायत की एरिया में कार्य के लिए टेंडर निकालने को लेकर चर्चा में है। एक तरफ जहां नगर में कई सड़कें-नालियां टूटी पड़ी हैं। वहीं गंदगी से बजबजाती नालियां, स्वर्णजयंती चैक पर उठती सड़ांध, जहां-तहां डंप पड़े कूड़े, कचरा निस्तारण के नाम पर मंडी महाल, तहसील कालोनी सहित कई कालोनियों में की जाती रस्म अदायगी, जरा सी बारिश में नहर में तब्दील सड़कें लोगों के जी का जंजाल बनी हुई हैं।

बावजूद, नगर के लोगों के लिए राहत कार्य कराने की बजाय, पुसौली ग्राम पंचायत की सड़क निर्माण के लिए लगभग 40 लाख लागत से सड़क निर्माण के लिए निकाले गए टेंडर ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। हालांकि नपा प्रशासन इसके लिए उच्चाधिकारियों की अनुमति मिलने और स्वयं को एक कार्यदायी संस्था का दर्जा होने की दलील दे रही है। वहीं स्थानीय निकाय से जुड़े अफसर ऐसे किसी टेंडर निर्माण के लिए नपा प्रशासन द्वारा कोई अनुमति लेने या इसकी जानकारी दिए जाने की बात से इंकार कर रहे हैं।

कूड़ा निस्तारण को लेकर बरती जा रही लापरवाही

नगरपालिका की तरफ से पुसौली ग्राम पंचायत (Pusauli Gram Panchayat) के मेन गेट से बीजेपी कार्यालय (BJP Office) होते हुए चैबे निवास तक 39.79 लाख की लागत से सीसी रोड निर्माण के लिए, टेंडर निकाले जाने की बात जैसे ही शुक्रवार को सार्वजनिक हुई, सवाल उठाए जाने शुरू हो गए। विभिन्न सोशल मीडिया हैंडलों पर लोगों ने इसको लेकर अपने-अपने तरीके से आपत्ति-नाराजगी तो जताई ही, नपा की तरफ से पाश कालोनियों का दर्जा रखने वाली कालोनियों में भी नालियों की मरम्मत, कूड़ा निस्तारण को लेकर बरती जा रही लापरवाही पर सवाल उठाए गए।


लोगों का कहना था कि नगरपालिका नगर क्षेत्र के लिए नोटिफाइड एरिया में ही काम करा सकती है। ग्राम पंचायत एरिया में कार्य के लिए ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत पहले से अधिकृत हैं। साडा और डीएमएफ से भी ग्राम पंचायतों में कार्य कराए जा रहे हैं। ग्राम पंचायत में सड़कों के कार्य के लिए सबसे विश्वसनीय संस्था पीडब्ल्यूडी मानी जाती है लेकिन नगरपंचायत की तरफ से नगर की सीमा छोड़कर ग्राम पंचायत में सड़क निर्माण की कवायद ने लोगों को चैंका कर रख दिया है।

इस बारे में नगरपालिका अध्यक्ष वीरेंद्र जायसवाल से संपर्क का प्रयास किया गया तो उन्होंने कन्नी काट ली।

वहीं अधिशासी अधिकारी विजय कुमार यादव (Executive Officer Vijay Kumar Yadav) का कहना था कि नगरपालिका एक कार्यदायी संस्था है। अगर उच्च स्तर के अधिकारी किसी काम के लिए आदेशित करेंगे तो जिस तरह अन्य विभाग काम करते हैं। उसी तरह नगरपालिका भी कर सकता है। अगर उच्च अधिकारी को यह विश्वास है कि नगरपालिका सक्षम है और नपा क्षेत्र के बाहर भी अच्छे तरीके से कार्य कर सकती है तो वह इसके लिए नपा को निर्देशित कर सकते हैं। बजट के सवाल पर कहा कि इस कार्य में निकाय का बजट इस्तेमाल नहीं होगा। विनियमित क्षेत्र के बजट से काम कराया जाएगा। वहीं एडीएम सहदेव मिश्रा का कहना था कि विनियमित क्षेत्र में नगरपालिका की तरफ से कार्य कराए जाने के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। न ही इस बाबत नपा की तरफ से उन्हें कोई जानकारी दी गई है।



लखटकिया बांड पर खेला जा चुका है लाखों का खेल

सोनभद्र। नगरपालिका किस नियम या निर्देश के तहत नपा क्षेत्र के बाहर सड़क निर्माण की प्रक्रिया अपना रही है। इसको लेकर निकायों में होने वाले कार्यों की निगरानी करने वाले अफसर ही पूरी तरह स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं लेकिन लखटकिया बांड के जरिए पूर्व में हुई लाखों की कथित बंदरबांट, बार-बार एक दर पर तीन कोटेशन लेकर, किसी एक चहेते को कार्य आवंटन, बगैर टेंडर-बगैर कोटेशन कार्य आवंटन का मामला जहां खासा सुर्खियां बटोर चुका है। कई मसलों को लेकर सभासद भी खुली नाराजगी, बैठकों के बहिष्कार का रास्ता अपना चुके हैं। अब, नगरपालिका क्षेत्र के बाहर जाकर कार्य कराने की कवायद ने एक बार फिर से नगर में नाराजगी का माहौल बनाना शुरू कर दिया है। 




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