प्रयागराज : पिता की हत्यारोपी बेटे की सजा रद्द, रिहाई का निर्देश

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिता की हत्या के आरोपी बेटे की दस वर्ष की कैद व जुर्माने की सजा रद्द कर दी है और अन्य केस में वांछित न होने पर तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति घंडीकोटा श्रीदेवी ने नयी बस्ती सुरमा वाली गली, टूण्डला, फिरोजाबाद के कौशल की जेल अपील को मंजूर करते हुए दिया है।

Update: 2019-05-07 16:37 GMT
प्रतीकात्मक फोटो

प्रयागराज : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिता की हत्या के आरोपी बेटे की दस वर्ष की कैद व जुर्माने की सजा रद्द कर दी है और अन्य केस में वांछित न होने पर तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति घंडीकोटा श्रीदेवी ने नयी बस्ती सुरमा वाली गली, टूण्डला, फिरोजाबाद के कौशल की जेल अपील को मंजूर करते हुए दिया है।

अपील पर कैदी की तरफ से न्यायमित्र अधिवक्ता अविनाश जायसवाल ने बहस की।

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मालूम हो कि जगदीश अपने बेटे कौशल के साथ रहते थे। बड़ा बेटा वीरेन्द्र कुमार गांव में है। 3 नवम्बर 10 को पिता पुत्र में विवाद हुआ। उसके दूसरे दिन सुबह देर तक दरवाजा नहीं खुला तो पड़ोस के लोगों ने ऊपर से घर में घुसकर देखा कि हथौड़े से प्रहार कर जगदीश की हत्या कर दी गयी है और लड़का कौशल जो मानसिक रूप से बीमार है, पास में सोया हुआ है। जिसे 10 नवम्बर 10 को पुलिस ने गिरफ्तार किया।

चार्जशीट दाखिल हुई और गवाहों के बयान को देखते हुए परिस्थिति जन्य साक्ष्यों के आधार पर मानववध का दोषी करार दिया गया। जिसे अपील में चुनौती दी गयी थी।

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कोर्ट ने कहा कि परिस्थित जन्य साक्ष्य की कडियां टूटी हैं। कोई चश्मदीद गवाह नहीं है। संभावना के आधार पर दोषी मानना सही नहीं है। कोर्ट ने सत्र न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया है।

 

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