यूपी : हत्या और दुष्कर्म पीड़ित दलितों को अब मिलेगी पेंशन, निर्देश जारी
हत्या, दुष्कर्म व अत्याचार से पीड़ित दलितों को अब यूपी में प्रतिमाह पांच हजार की पेंशन मिलेगी। केंद्र की मोदी सरकार ने 2014 में ही इसे लागू किया लेकिन यूपी में नियमावली 2016 में बनी। अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग अध्यक्ष बृजलाल की पहल पर निर्णय लागू हुआ है।
लखनऊ : हत्या, दुष्कर्म व अत्याचार से पीड़ित दलितों को अब यूपी में प्रतिमाह पांच हजार की पेंशन मिलेगी। केंद्र की मोदी सरकार ने 2014 में ही इसे लागू किया लेकिन यूपी में नियमावली 2016 में बनी। अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग अध्यक्ष बृजलाल की पहल पर निर्णय लागू हुआ है।
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बृजलाल ने राज्य के एसपी-एसएसपी को निर्देश दिया है कि 14 जून 2016 के बाद अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत पंजीकृत मामलों में पेंशन का प्रस्ताव जिलाधिकारी और समाज कल्याण अधिकारी को प्रेषित करें। इन पर 31 जनवरी तक रिपोर्ट उपलब्ध कराएं।
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क्या हैं प्रावधान
पेंशन घटना के दिन से लागू होगी।
जिलाधिकारियों से अपेक्षा है कि प्रस्तावों पर पेंशन व अन्य सुविधा स्वीकृत कर 28 फरवरी तक अपनी रिपोर्ट भेजें।
आयोग ने डीजीपी, डीजी विशेष जांच, सभी मंडलायुक्त, जोनल एडीजी, रेंज आइजी व डीआइजी को इसके अनुपालन कराने की जिम्मेदारी दी है।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति से संबंध रखने वाले मृतक व्यक्ति, विधवा या अन्य आश्रितों को प्रतिमाह पांच हजार रुपये की मूल पेंशन के साथ महंगाई भत्ता और मृतक के कुटुंब के सदस्यों को रोजगार और कृषि भूमि, घर उपलब्ध कराया जाएगा।
पीड़ित परिवार के बालकों की स्नातक स्तर तक की शिक्षा की पूरा खर्चा व उनका भरण-पोषण भी किया जाएगा।