रिजवी के बयान पर इस कदर भड़के लोग, कहा घटिया सोच का आदमी
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चैयरमेन वसीम रिजवी के देश में सभी मदरसे बंद करने की मांग के विरोध में उलेमा सहित मुस्लिम समाज के गणमान्य लोगों ने इसपर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने वसीम रिवजी को दिमागी बीमार बताते हुए कहा कि वह पहले मदरसों
सहारनपुर: शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चैयरमेन वसीम रिजवी के देश में सभी मदरसे बंद करने की मांग के विरोध में उलेमा सहित मुस्लिम समाज के गणमान्य लोगों ने इसपर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने वसीम रिवजी को दिमागी बीमार बताते हुए कहा कि वह पहले मदरसों का इतिहास पढ़ लें।
वसीम रिजवी के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिन्द का कानूनी नोटिस
मौहम्मद आरिफ ने रिजवी को कहा घटिया सोचा वाला आदमी
इस बारे में जमियत उलेमा-ए हिन्द के तहसील अध्यक्ष मुफ्ती मौहम्मद आरिफ मजाहिरी ने कहा कि मदरसे इस्लाम के मजबूत किले होने के साथ-साथ वतनपरस्ती का सबक देने का भी बड़ा जरिया है। क्योंकि इस्लाम में वतन से मुहब्बत करने का हुकुम दिया गया है। उन्होंने कहा कि जंग-ए आजादी के दौरान उलेमा ए दीन ने मदरसों से ही रेशमी रूमाल तहरीक चलाई थी, जिससे अंग्रेजी हुकुमत की नींव हिल गई थी। वसीम रिजवी जैसे मतलब परस्त शोहरत के भूखे घटिया सोच रखने वाले लोगों को न तो मदरसों के बारे में पूरी जानकारी है और न ही मजहब-ए इस्लाम की।
कुछ ऐसे जमकर भड़के लोग:
जमीयत उलेमा ए हिन्द के विशेष कार्यकारिणी सदस्य मौलाना शमशीर कासमी अल हसनी ने कहा कि वसीम रिजवी की औकात इतनी नहीं कि वह मदरसों पर उंगली उठा सके। मदरसे अमन का पैगाम देने वाले हैं, खराबी मदरसों में नहीं वसीम रिेजवी जैसे लोगों की सोच में है। अपने आकाओं को खुश रखने के लिए रिजवी ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं। पहले उन्हेंं अपने अंदर झांककर देख लेना चाहिए।
मदरसा असअदिया के प्रबंधक नासिक नज्मी ने कहा कि वसीम रिजवी जहनी तौर पर बीमार हो चुके हैं। उन्हें अपना ईलाज कराना चाहिए क्योंकि वह मदरसों को आतंकवाद से जोड़ने की नापाक कोशिश कर रहे हैं। ऐसे लोगों को अहमियत नहीं दी जानी चाहिए।
जाहिद अंसारी ने कहा कि देश की आजादी की जंग से पहले और आजादी के बाद देश में अमन व शांति का पैगाम देने की बात आयी तो तब हर जगह उलेमा ए दीन ने मदरसों से अपना हक अदा किया।
हामिद मियां ने कहा कि मदरसों पर इल्जाम लगाने से पहले रिजवी को इनके बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे लोगों पर कड़ी नजर रख कर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो दूसरों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हैं।