UP News: बुजुर्ग ने अपनी सारी संपत्ति राज्यपाल के नाम कर दी, जानें क्या है इसका मतलब

UP News: बुजुर्ग शख्स का नाम नत्थू सिंह है और उनके 6 औलाद हैं। उनके शब्दों में ये इतने नालायक निकले कि इन्हें एक तिनके के बराबर भी संपत्ति नहीं दी जा सकती।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-03-07 10:51 IST

Muzaffarnagar man property (photo: social media )

UP News: पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर जिले का एक मामला इन दिनों मीडिया में छाया हुआ है। यहां एक बुजुर्ग व्यक्ति ने अपने बेटे और बहू के बेहद अपमानजनक व्यव्हार से तंग आकर अपनी सारी संपत्ति प्रदेश के राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के नाम कर दी। बुजुर्ग ने एक फूटी कौड़ी भी अपने बच्चों के लिए नहीं छोड़ी। बुजुर्ग शख्स का नाम नत्थू सिंह है और उनके 6 औलाद हैं। उनके शब्दों में ये इतने नालायक निकले कि इन्हें एक तिनके के बराबर भी संपत्ति नहीं दी जा सकती।

80 वर्षीय नत्थू सिंह अपने बेटे के रवैये से इस कदर आहत हुए कि उन्होंने उसे खुद के अंतिम संस्कार से भी दूर कर दिया है। हिंदू समाज में यह मान्यता रही है कि परिवार में अगर कोई बेटा है तो पिता या माता की चिता को आग वही देता है क्योंकि तब ही उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन बुजुर्ग सिंह अपने बेटे को इस लायक भी नहीं समझते। करोड़ों की संपत्ति के मालिक नत्थू सिंह अपने औलाद से मिली उपेक्षा के कारण पिछले पांच महीनों से खतौली के एक वृद्धाश्रम में जीवन के अंतिम पल व्यतीत कर रहे हैं।

बेटे – बहू पर लगाए गंभीर आरोप

नत्थू सिंह अपने परिवार में अपनी पत्नी और छह बच्चों के साथ रहा करते थे। 20 साल पहले एक असाध्य बीमारी के कारण उनकी पत्नी का देहांत हो गया था। फिर बच्चों की सारी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। उन्होंने एक पिता की जिम्मेदारी की निर्वहन करते हुए दोनों बेटों और चार बेटियों का शादी-ब्याह कराया। सिंह बताते हैं कि छोटे बेटे की शादी होने के बाद से ही घर में खटपट शुरू हो गई।

उनका छोटा बेटा सहारनपुर के एक शासकीय स्कूल में सरकारी टीचर है और दो साल में रिटायर होने वाला है। वो बताते हैं कि छोटी बहू ने परिवार का माहौल इतना खराब कर दिया कि उसके बड़े बेटे ने इससे अजीज आकर आत्महत्या जैसा खतरनाक कदम उठा लिया। इसके बाद भी दोनों की हरकतें नहीं सुधरीं। दोनों ने उनके साथ बेहद घटिया और अपमानजनक व्यवहार जारी रखा। जब वो सहारनपुर अपने छोटे बेटे के पास गए तो उसने निर्दयता की पराकाष्ठा को लांघ दिया।

बुजुर्ग पिता को आसरा देने और सेवा करने की बजाय बेटे-बहू ने उनके साथ ऐसा व्यव्हार किया, जैसे कि वो उनके दुश्मन हों। उन्हें घर से निकाल दिया गया। जिसकी वजह से उन्हें कई रात ठंड में खुले आसामना के नीचे गुजरानी पड़ीं। वे उन्हें खाने के लिए भी नहीं पूछते थे। एक दिन दोनों ने गला दबाकर उन्हें मारने की कोशिश भी की। जिसके बाद वे किसी तरह वहां से भागे।

सारी संपत्ति राज्यपाल के नाम दान की

बेटे और बहू के व्यव्हार से क्षुब्ध नत्थू सिंह ने एक फूटी कौड़ी इन्हें न देने का मन बना लिया। बुढ़ाना तहसील पहुंचकर उन्होंने अपना मकान समेत सभी जमीन-जायदाद यूपी के राज्यपाल के नाम कर दिया। साथ ही उन्होंने एक हलफनामा भी दायर किया, जिसमें उन्होंने कहा कि वो नहीं चाहते हैं कि परिवार के सदस्य उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल हों।

राज्यपाल को संपत्ति देने का क्या है मतलब ?

बुढ़ाना तहसील के सब – रजिस्ट्रार पंकज जैन ने बताया कि बुजुर्ग नत्थू सिंह ने हलफनामें में 1.5 करोड़ रूपये की संपत्ति का खुलासा किया है, जिनमें एक मकान और 10 बीघे खेती की जमीन है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि उनकी संपत्ति का इस्तेमाल किसी जरूरतमंद की मदद के लिए हो। उनके निधन के बाद वहां स्कूल या अस्पताल खोल दिए जाएं।

अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि जो डेढ़ करोड़ की संपत्ति नत्थू सिंह ने राज्यपाल के नाम की है क्या उसका मालिकाना आनंदी बेन पटेल के पास चला जाएगा। नहीं, ऐसा नहीं है सिंह के निधन के बाद उनकी संपत्ति यूपी सरकार के नियंत्रण में आ जाएगी। क्योंकि राज्यपाल प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख होते हैं, इसलिए राज्य सरकार को दान में दी जाने वाली संपत्ति उनके नाम से ही दी जाती है।

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