जमीन का अवैध लेन-देन : अयोध्या विकास प्राधिकरण की सूची में महापौर, भाजपा विधायक सहित 40 लोगों के नाम

अवैध जमीन का लेन-देन : अयोध्या विकास प्राधिकरण ने अयोध्या के मेयर, भाजपा विधायक और पार्टी के एक पूर्व विधायक सहित 40 लोगों पर अवैध रूप से भूखंड बेचने का आरोप लगाया गया है।

Report :  NathBux Singh
Update: 2022-08-07 10:42 GMT

अयोध्या विकास प्राधिकरण: Photo- Social Media

Ayodhya News: अयोध्या शहर (Ayodhya City) के मेयर, एक स्थानीय भाजपा विधायक और पार्टी के एक पूर्व विधायक उन 40 लोगों में शामिल हैं, जिन पर अयोध्या विकास प्राधिकरण (Ayodhya Development Authority) ने अवैध रूप से भूखंड बेचने (selling land illegally) और ऐसी भूमि में बुनियादी ढांचे के निर्माण का आरोप लगाया गया है।

हालांकि महापौर ऋषिकेश उपाध्याय और विधायक वेद प्रकाश गुप्ता (MLA Ved Prakash Gupta) ने प्राधिकरण द्वारा जारी कथित सूची में गड़बड़ी होने और बेगुनाही का दावा किया है। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह के मुताबिक अवैध रूप से जमीन खरीदने-बेचने और निर्माण कार्य कराने वाले 40 लोगों की सूची शनिवार रात प्राधिकरण ने जारी की है।

पहले ट्रस्ट पर महंगी जमीन खरीदने के आरोप लगे

बता दें राम मंदिर परिसर (Ram Mandir Complex) के विस्तार के लिए अगल-बगल के मंदिरों और घरों को खरीदने का काम जब तेजी पर चल रहा था। उसी समय यह आरोप लगे थे कि ट्रस्ट जो जमीन खरीद रहा है वह महंगी दरों में खरीद रहा है। पहले ट्रस्ट पर आरोप लगे कि दो करोड़ की जमीन चंद मिनटों में 18.5 करोड़ में खरीदी गई। अभी ये मामला शांत भी नहीं हुआ था कि अयोध्या के मेयर के भतीजे दीप नारायण पर भी एक जमीन को महज 20 लाख में खरीदकर मंदिर ट्रस्ट को 2.5 करोड़ में बेच दिया।

मेयर के भतीजे दीप नारायण उपाध्याय ने नजूल की जमीन खरीदी

मेयर के भतीजे दीप नारायण उपाध्याय ने जो जमीन खरीदी थी दरअसल, वह नजूल (सरकारी) है। यह फ्री होल्ड भी नहीं हुई थी। दीप नारायण को महज 20 लाख रुपये में यह जमीन बेचने वाले बड़ा स्थान दशरथ महल मंदिर के महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य ने खुद इसका खुलासा किया था। धीरे धीरे ये मामला तूल पकड़ता गया और इसमें तमाम लोगों के नाम सामने आते गए।

अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा शहर में अवैध प्लाटिंग और अवैध कालोनाईजर की एक सूची जारी की गई है इस सूची में तमाम रसूखदारो के नाम शामिल किए जाने पर समाजवादी पार्टी ने इसे शासन और प्रशासन की मिलीभगत करार देते हुए अयोध्या की जनता के साथ विश्वासघात बताया है । पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडे पवन ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिए यह बताया है कि अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा जो सूची जारी की गई है उसमें भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का नाम शामिल किए जाने ने यह सिद्ध कर दिया है कि अयोध्या की जमीनों पर भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं ने अफसरों के साथ मिलकर खेल किया है। पांडे का कहना है कि जब अयोध्या के रक्षक ही भक्षक बन गए हो तो राम नगरी का क्या होगा, प्रभु श्री राम के नाम पर वोट मांगने वाले ही भगवान राम के नाम पर लूट खसोट करेंगे तो जनता का क्या होगा ।

पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडे पवन ने शासन को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर सरकार इस लूट खसोट में शामिल नहीं है और उसमें जरा भी नैतिकता बची है तो इस मामले में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करें ।  पांडे ने कहा कि अयोध्या लोगों की आस्था का केंद्र है और यहां भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने राम के नाम पर अवैध प्लाटिंग कर अयोध्या का नाम पूरे विश्व में कलंकित किया है।

उन्होंने कहा कि अयोध्या में तमाम जरूरतमंदों के मकानों को गिरा कर उन्हें बेघर कर दिया गया लेकिन किसी भी अफसर में इतनी हिम्मत नहीं है कि वह अवैध प्लाटिंग में शामिल भाजपा के नेताओं पर कोई भी कार्यवाही कर सकें । उन्होंने कहा कि शासन और प्रशासन की मिलीभगत से अयोध्या में जमीनों के साथ जो खेला किया गया है उसने यहां के भाजपाई राजनीतिज्ञों और अफसरों की पोल खोल कर रख दी है।  पांडे ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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