लखनऊ : राज्यपाल से राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के एक शिष्टमण्डल ने भेंट की

यूपी के राज्यपाल राम नाईक से आज राजभवन में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक अध्ययन’ पर निकले केन्द्रीय रक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के 16 सदस्यीय अधिकारियों के एक दल ने रियर एडमिरल डीएम सुडान, एसडीएस राष्ट्रीय सुरक्षा महाविद्यालय नई दिल्ली के नेतृृत्व में शिष्टाचारिक भेंट की।

Update:2019-01-28 21:22 IST

लखनऊ : यूपी के राज्यपाल राम नाईक से आज राजभवन में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक अध्ययन’ पर निकले केन्द्रीय रक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के 16 सदस्यीय अधिकारियों के एक दल ने रियर एडमिरल डीएम सुडान, एसडीएस राष्ट्रीय सुरक्षा महाविद्यालय नई दिल्ली के नेतृृत्व में शिष्टाचारिक भेंट की।

उल्लेखनीय है कि प्रति वर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में शीर्ष स्तरीय प्रशिक्षण संस्था राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय देश के विभिन्न प्रशासनिक सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारी, सेना के तीनों अंग के वरिष्ठ अधिकारी तथा कतिपय विदेशी मित्र राज्यों के अधिकारी भी प्रतिभाग करते हैं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षणरत अधिकारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक, सामाजिक सुरक्षा एवं राजनैतिक, सैन्य संबंधी, वैज्ञानिक आदि पहलूओं से अभिज्ञानित कराना है।

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राज्यपाल ने भेंट के दौरान बताया कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा प्रदेश है। प्रदेश का मुख्य व्यवसाय कृषि है। राज्य सरकार ने स्थानीय रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से ‘एक जिला एक उत्पाद’ जैसी महती योजना लागू की है जिससे जिले की पारम्परिक विशेषता को आगे बढ़ाया जा सके। इस योजना के अन्तर्गत जहां रोजगार के लिये महानगरों की ओर पलायन रूकेगा वहीं क्षेत्रवासियों को अपने घर में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस वर्ष पारम्परिक हुनर को आगे बढ़ाने की दृष्टि से ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ का भी शुभारम्भ किया है।

नाईक ने कहा कि उत्तर प्रदेश तेजी से विकास कर रहा है। बिजली की उपलब्धता और कानून-व्यवस्था में मुख्यमंत्री के बेहतर प्रयास से सुधार आया है। ‘इन्वेस्टर्स समिट-2018’ में राज्य सरकार को 4.28 लाख करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए तथा 1045 अनुबंध पत्र भी हस्ताक्षरित किये गये। राज्य सरकार ने ‘कुंभ-2019’ को दिव्य और भव्य रूप से मनाने का निश्चय किया है। संगम नगरी को उसका पौराणिक नाम प्रयागराज देकर एक नई शुरूआत की है। इस वर्ष कुंभ के दर्शनार्थियों को ‘अक्षय वट’ और ‘सरस्वती कूप’ के दर्शन की प्रथम बार व्यवस्था की गई है। स्वच्छता की दृष्टि से मेला क्षेत्र में 1,10,000 शौचालय निर्माण किये गये हैं।

उन्होंने बताया कि कुंभ मेला में लगभग 13 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की पहुंचने की सम्भावना है।

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राज्यपाल ने कहा कि 21 से 23 जनवरी, 2019 के मध्य वाराणसी में भारतीय प्रवासी दिवस का आयोजन किया गया जिसमें 92 देशों से सात हजार से ज्यादा प्रवासी भारतीयों ने सहभाग किया। प्रवासी भारतीयों ने देश एवं प्रदेश के विकास में अपने सहयोग के लिये भी रूचि दिखाई। 24 जनवरी को राज्य सरकार द्वारा दूसरी बार उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस का आयोजन किया गया। उत्तर प्रदेश पूर्व में ‘यूनाईटेड प्राविन्स’ के नाम जाना जाता था। आजादी के बाद 24 जनवरी 1950 को अधिसूचना जारी करके राज्य को उत्तर प्रदेश का नाम दिया गया। 68 वर्षों तक उत्तर प्रदेश में स्थापना दिवस का आयोजन सरकारी स्तर पर नहीं किया जाता था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके सुझाव पर 2018 से उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस का आयोजन भव्य रूप से कराना प्रारम्भ किया।

राज्यपाल ने अपने बारे में बताते हुए कहा कि उनकी प्रारम्भिक शिक्षा उनके गांव अटपाड़ी में हुई। उच्च शिक्षा पुणे से हुई जहां उन्होंने 1954 में बीकाम किया। महालेखाकार कार्यालय में उन्होंने कुछ दिन सेवा की बाद में त्यागपत्र देकर अन्य निजी संस्थाओं में भी काम किया। वे महाराष्ट्र विधानसभा के तीन बार सदस्य रहे तथा पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे। आठ बार लगातार चुनाव जीते तथा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कई विभागों के राज्य मंत्री रहे तथा 1999 से 2004 तक वे केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री रहे। कारगिल युद्ध में शहीदों के परिजनों को विभाग की ओर से उन्होंने आजीविका चलाने के लिये पेट्रोल पम्प और गैस एजेन्सी की व्यवस्था की। 1978 से लेकर आज तक वे हर वर्ष अपना कार्यवृत्त पारदर्शिता और जवाबदेही की दृष्टि से जारी करते रहे हैं।

 

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