National Doctors' Day: कोरोना से मरीजों की जान बचाते हुए इन डॉक्टर्स ने हारी जिंदगी की जंग

National Doctors' Day: कोरोना काल मे धरती का भगवान कहे जाने वाले कई चिकित्सक दूसरों को जिंदगी देते-देते खुद अपनी जिंदगी की जंग हार गये।

Report :  Sandeep Tayal
Published By :  Monika
Update:2021-07-01 13:58 IST

National Doctors' Day: कोरोना काल (coronavirus) मे धरती का भगवान कहे जाने वाले कई चिकित्सक दूसरों को जिंदगी देते-देते खुद अपनी जिंदगी की जंग हार गये। ऐसे ही 2 मामले यूपी के बुलंदशहर (Bulandshahr) में उस समय सामने आए थे जब कोरोना अपना कहर बरपा रहा था और चिकित्सक लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगा रहे थे। बुलंदशहर के गुलावठी कस्बे में रहने वाले चिकित्सक डॉ.आनंद कुमार अग्रवाल और शिकारपुर के चिकित्सक डॉ.देवेंद्र चौधरी दोनो ही लोगों (रोगियों) की जिंदगी के लिये संघर्ष करते करते अपनी जिन्दगी की जंग कोरोना (died from coronavirus)  से हार गये थे ।

डॉ. आनंद अग्रवाल का परिवार (फोटो : सोशल मीडिया )

गुलावठी के रहने वाले डॉक्टर आनंद कुमार अग्रवाल के पुत्र डॉक्टर संचय अग्रवाल ने बताया कि लोगों की सेवा करने , रोगियों की जिंदगी बचाने का डॉ.आनंद कुमार अग्रवाल को ऐसा जुनून था कि उन्होंने शादी भी महिला डॉक्टर शोभा अग्रवाल से की , यही नहीं पूरे परिवार को ही चिकित्सा सेवा के लिये समर्पित कर दिया और बड़े पुत्र संजय अग्रवाल और छोटे पुत्र परिचय अग्रवाल को भी डॉक्टर की पढ़ाई कराकर डॉक्टर बनाया और बड़े शहर में नहीं जाने दिया, गुलावठी में ही लोगों की चिकित्सा सेवा करने का ध्येय बनाया हुआ था। इसीलिए दोनों पुत्रो की शादी भी महिला डॉक्टरों से कराई । अर्थात लोगों की सेवा के जनून ने पूरे फैमिली को ही चिकित्सक फैमिली बना दिया और आज भी पूरा परिवार डॉ. आनंद अग्रवाल के उद्देश्य को लेकर चिकित्सा सेवा में लगा है ।

डॉ. आनंद अग्रवाल की प्रतिमा (फोटो: सोशल मीडिया )

कोरोना से हुई मौत 

डॉक्टर संचय अग्रवाल बताते हैं कि 38 साल तक चिकित्सा सेवा कर लोगों की जिंदगी बचाते रहे । 2020 में आए कोरोना के कहर के दौरान पूरा परिवार आने वाले रोगियों के लिए उनकी जिंदगी की जंग लड़ रहा था, परंतु डॉक्टर आनंद कुमार अग्रवाल को अचानक खांसी बुखार और कोरोना जैसे लक्षण पैदा हो गए। आनन-फानन में 10 जून 2020 को जिंदगी की जंग हार गए । आज भी पूरा परिवार उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दे उनके चिकित्सा सेवा के संकल्प को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है। डॉ. आनंद अग्रवाल के सेवा भाव के चलते ही गुलावठी में उनकी प्रतिमा भी स्थापित की गयी थी।

डॉ देवेंद्र चौधरी (फोटो: सोशल मीडिया )

डॉक्टर देवेंद्र चौधरी

ऐसी ही कहानी कुछ बुलंदशहर के शिकारपुर कस्बे के डॉक्टर देवेंद्र चौधरी की है, जो बुलंदशहर के पहले ऐसे चिकित्सक थे जिनकी कोरोना से मौत हुई थी डॉक्टर देवेंद्र चौधरी लोगों का इलाज करते करते अचानक 7 अप्रैल को कोरोना से ग्रसित हो गए और उन्हें आनन-फानन में 7 अप्रैल 2020 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया ,जहां 9 अप्रैल 2020 को वह भी जिंदगी की जंग हार गए। यही नहीं देवेंद्र चौधरी की पत्नी डॉ अर्चना चौधरी और उनका बेटा भी कोरोना संक्रमित हो गए थे।

डॉक्टर्स का समर्पण अतुलिय

आईएमए बुलंदशहर के सेक्रेटरी डॉ संजीव अग्रवाल की मानें तो जनपद में गांव देहात कस्बे सभी को मिलाकर लगभग 6 चिकित्सक जो धरती का भगवान कहे जाते थे , लोगों की जिंदगी बचाते बचाते अपनी जिंदगी दाव पर लगा जिंदगी की जंग हार गए। डॉक्टर्स डे पर ऐसे डॉक्टरों को हर कोई स्मरण कर नमन कर रहा है।

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