National Seminar BBAU: बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में विकलांगो के लिए राष्ट्रीय संगोष्टी का आयोजन हुआ

National Seminar BBAU: इस संघोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री, दयाशंकर सिंह, परिवहन मंत्री, संजय सिंह, कुलपति बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर विश्विद्यालय, लखनऊ उपस्तिथ रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ सभी अतिथियों द्वारा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की मूर्ती पर माल्यार्पण से हुआ।

Update:2023-03-24 21:08 IST
National Seminar Babasaheb Bhimrao Ambedkar University (Photo: Social Media)

National Seminar BBAU: लखनऊ के बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। “दिव्यांगजन पुनर्वास” विषय पर इस संगोष्टी का आयोजन हुआ। इस संघोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री, दयाशंकर सिंह, परिवहन मंत्री, संजय सिंह, कुलपति बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर विश्विद्यालय, लखनऊ उपस्तिथ रहे।

कार्यक्रम का शुभारम्भ सभी अतिथियों द्वारा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की मूर्ती पर माल्यार्पण से हुआ। केशव प्रसाद मौर्य कार्यक्रम के सुभारम्भ में कहते है “दिव्यांग जनो को कुछ वर्ष पूर्व विकलांग बोल कर उनकी उलाहना करी जाती थी | सभी ने अपनी हक़ की लड़ाई लड़ कर समाज में अपने लिए सभी सकारात्मक छवि पेश करी। दयाशंकर सिंह ने कहा “समाज के सभी सदस्यों को विकलांगों के प्रति सहभागिता दिखानी चाहिए और हर परस्पर मदद करने के लिए आगे बढ़ना चाहिए।

संघोष्ठी में अम्बेडकर विश्विद्यालय एवं लखनऊ के अनेक कॉलेजों से आये लगभग 40 छात्रों ने दिव्यांग पुनर्वास विषय पर अपनी प्रस्तुति देकर दिव्यांगों के प्रति एक सकारात्मक दृटिकोण पेश करा। विकलांगता एक प्रकार की ऐसी विविधता जो समाज में प्रकृति और व्यक्तिओं के विकास के समय से ही शुरू हुई थी। विकलांगता को बहुसंस्कृतिवाद के नज़रिए से समाज में देखने की आवश्यकता है।

विकलांगता को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित ‘अमर्त्य सेन’ की ‘कैपबिलिटी एप्रोच’ जिससे पता चलता है कि समाज के सभी व्यक्ति एक बराबर है| इस अप्रोच के तहत विकलांगों की क्षमताओं को बढ़ाया जा सकता है जैसे - उनको शिक्षा प्रदान की जाये और स्वास्थ सम्भंदि सेवाएं आसानी से प्रदान हो। विकलांगों के उत्थान के लिए अंक की अर्थव्यवस्था का एक बहुत अहम योगदान है | इस राष्ट्रीय संघोष्ठी के माध्यम से विकलांगो को समाज में एक सकारात्मक स्थान प्राप्त किया जाये।

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